Uttar Pradesh: अलीगढ़ के दादों थाना क्षेत्र के एक गांव में रह रहे मुस्लिम परिवार के लोगों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर चस्पा कर दिए. पलायन की खबर से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया. शिकायतकर्ताओं ने दबंग प्रवृत्ति के दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा जबरन फर्जी बैनामा कराने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है.
जबरन बैनामा कराने की घटना से मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया. उन्होंने अपने-अपने घरों की दीवारों पर ‘गुंडों के डर से, यह मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए. वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा घरों पर पलायन के पोस्टर लगाए जाने की सूचना पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. अधिकारियों ने बातचीत कर कई घंटे बाद पलायन के पोस्टर हटवाए.
दरअसल, पूरा मामला थाना दादों के कस्बे के छर्रा साकरा रोड का है जहां के निवासी जमील मोहम्मद का कहना है कि उन्होंने करीब 36 साल पहले कस्बा निवासी इंद्रजीत से प्लॉट खरीदा था. इस प्लॉट को खरीदने के बाद उन्होंने इसपर मकान बनवाया. लेकिन नगला परसी निवासी एक व्यक्ति ने इसी मकान को प्लॉट दिखाकर उसका बैनामा करा लिया है.
इस बात की जानकारी होने पर पीड़ित ने अतरौली न्यायालय में अपना वाद दायर किया, जो वर्तमान में विचाराधीन चल रहा है. न्यायालय से यथास्थिति के आदेश जारी किए गए, बावजूद इसके दबंग उमेश और उसके साथियों ने फर्जी बैनामा करा लिया. न्याय नहीं मिलते देख 17 फरवरी देर शाम पीड़ित जमील सहित करीब 60 परिवारों के लोगों ने अपने-अपने मकान पर ‘बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए.
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ित पक्ष को समझाने का प्रयास किया. करीब चार घंटे बाद घरों पर लगाए पोस्टर हटाए गए. जानकारी देते हुए डीएसपी महेश कुमार ने बताया कि थाना दादों कस्बा में पलायन के पोस्टर लगने का प्रकरण संज्ञान में आया है, जिसमें दो पक्षों के मध्य जमीन का विवाद माननीय न्यायालय अतरौली में विचाराधीन था. न्यायालय का फैसला आने के उपरांत एक पक्ष द्वारा क्षुब्ध होकर पलायन करने के पोस्टर लगाये गए थे. इस संबंध में जांच टीम गठित कर दी गई है. कानून व्यवस्था को चुनौती देने और आपसी सौहार्द बिगाड़ने वालो को चिन्हित किया जा रहा है. जांच के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी. फिलहाल, मौके पर शांति-व्यवस्था कायम है.