प्रदेश में पहली बार एआई पर पीजी डिप्लोमा कोर्स, रविवि में एमए इन ट्राइबल स्टडीज एंड इं​डियन नॉलेज सिस्टम का कोर्स भी शुरू करने की तैयारी

प्रदेश में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई पर पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू होगा। पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से इसका पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। संभावना है कि नए सत्र से इसमें प्रवेश भी दिए जाएंगे। इसी तरह रविवि में एमए इन ट्राइबल स्टडीज एंड इंडियन नॉलेज सिस्टम और इंट्रोडक्शन टू इंडियन नॉलेज सिस्टम और इंडियन नॉलेज सिस्टम आर्ट्स एंड सोशल साइंसेस जैसे स​र्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इसे लेकर विवि से तैयारी की जा रही है।

जानकारों का कहना है कि राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक इन एआई का कोर्स है। यह चार साल का है। एआई पर पीजी डिप्लोमा कोर्स नहीं है। रविवि में इसे शुरू करने की योजना है। यह कोर्स एक साल का होगा। किसी भी संकाय से ग्रेजुएट हुए छात्र इसमें प्रवेश ले सकेंगे। यह प्रस्ताव शासन काे जाएगा वहां से अनुमति मिलने के बाद यह शुरू हाेगा। संभावना है कि शिक्षा सत्र 2025-26 में इसमें एडमिशन भी ​दिए जाएंगे। कोर्स को लेकर रविवि में कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है।

यह कोर्स स्किल डेवलपमेंट पर आधारित होगा। इसमें रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिस तरह से पीजीडीसीए है, उसी तरह से इस कोर्स का नाम पीजीडीएआई यानी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस हाेगा। जानकारी के मुताबिक अभी पीजीडीएआई का कोर्स रविवि अध्ययनशाला में शुरू होगा। शुरुआत 30 सीटों से हो सकती है।

इसके बाद यह कोर्स कॉलेजों में भी शुरू होगा। गौरतलब है​ कि रविवि अध्ययनशाला में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रम में एडमिशन के ​लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। यदि नए कोर्स को शासन से मंजूरी मिलती है तो इनमें भी एडमिशन के लिए छात्रों को एग्जाम देना होगा। हालांकि, कॉलेजों में एडमिशन पिछले कोर्स में छात्रों को प्राप्त नंबर के आधार पर होता है।

आधा दर्जन से अधिक कोर्स शुरू करने की तैयारी

रविवि में नए सत्र में आधा दर्जन से अधिक नए कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। इसे लेकर तैयारी की जा रही है। पिछले साल अक्टूबर में मास्टर इन पब्लिक हेल्थ, एमबीए इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट, योगा और वूमन एंड जेंडर स्टडीज कोर्स शुरू के लिए कार्यपरिषद ने अनुमति दी है। इसी तरह एमए इन ट्राइबल स्टडीज एंड इंडियन नॉलेज सिस्टम और इंट्रोडक्शन टू इंडियन नॉलेज सिस्टम और इंडियन नॉलेज सिस्टम आर्ट्स एंड सोशल साइंसेस और पीजी डिप्लोमा इन एआई भी शुरू करने की योजना है।

इन कोर्स को लेकर जानकारों का कहना है कि छात्रों का रुझान उन कोर्स के प्रति ज्यादा रहता है जिनमें रोजगार की संभावनाएं हैं। इसलिए जिनमें रोजगार की संभावनाएं हैं, उसमें एडमिशन होंगे, नहीं तो विवि अध्ययनशाला में चल रहे दूसरे कोर्स की तरह इनकी सीटें भी खाली रहेगी। दरअसल, पिछले साल एमकॉम, एमए इन होटल मैनेजमेंट समेत अन्य कोर्स विवि अध्ययनशाला में शुरू हुआ। एमकॉम में तो एडमिशन हुए, लेकिन एमए इन होटल मैनेजमेंट की सीटें खाली रह गई थी। इसके पहले के वर्षों में शुरू हुए कुछ कोर्स जैसे रिमोट सेंसिंग में भी एडमिशन कम होते हैं।

 

 

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