6 साल की सेवा के बाद भी नहीं मिला वेतन, परेशान महिला टीचर ने की आत्महत्या..

केरल में सैलरी नहीं मिलने से परेशान महिला टीचर ने मौत को गले लगाना ही सही समझा और आत्महत्या कर ली. महिला टीचर को पिछले 6 वर्षों से वेतन नहीं मिला था. वो एक कैथोलिक स्कूल में पढ़ाती थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला केरल में कोझीकोड जिले के सेंट जोसेफ लोअर प्राइमरी स्कूल में टीचर थी. यह स्कूल सरकारी सहायता से चलता है. इसे थमरास्सरी के कैथोलिक डायोसीस द्वारा संचालित किया जाता है. मृतक टीचर का नाम अलीना बताया जा रहा है. वो यहां 6 साल से पढ़ा रही थीं.

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इससे पहले भी वो एक स्कूल में 5 साल तक पढ़ाने का काम कर चुकी थीं, जिसे इस संस्था के द्वारा संचालित किया जाता था. केरल के शिक्षा मंत्री वी सिवानकुट्टी ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल मैनेजमेंट पर लगाया आरोप

इधर, मृतक महिला टीचर अलीना के पिता, बेनी ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत के लिए स्कूल मैनेजमेंट पूरी तरह से जिम्मेदार है. शुरुआत में अलीना को थमरास्सरी डायोसीस के अंतर्गत आने वाले कट्टिपारा लोअर प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन यहां वो एड हॉक पर काम कर रही थी. दरअसल, यहां एक कर्मचारी के सस्पेंड होने की वजह से जगह खाली हुई थी और इसी जगह उसे नियुक्त किया गया था. कर्मचारी की नौकरी पर वापसी के बाद अलीना को नौकरी से निकाल दिया गया. यहां तक कि, उसे एक भी दिन का पैसा नहीं दिया गया.

परिजनों ने जब इस मामले में विरोध जताया तो स्कूल मैनेजमेंट ने अलीना को जून 2023 में एक नए स्कूल में नौकरी दी. लेकिन समस्या यहां भी खत्म नहीं हुई. डायोसीस की शिक्षा एजेंसी ने अलीना के सामने नौकरी के लिए एक शर्त रखी. एजेंसी ने कहा कि आपको लिखकर देना होगा कि आप पिछले 5 साल की नौकरी के बदले किसी प्रकार के वेतन की डिमांड नहीं करेंगी.

अलीना ने यह सोचकर सहमति दे दी कि इससे उसकी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी. लेकिन जब यहां भी काम करते हुए महीनों बीत गए और उसे वेतन नहीं मिला, तो वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी. पिता का दावा है कि, डायोसीस की शिक्षा एजेंसी ने उनकी बेटी से जबरदस्ती पत्र लिखवाया था.

स्कूल ने क्या कहा?

फादर जोसेफ वर्गीस ने कहा कि एजेंसी के तहत कई शिक्षक अलीना की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अलीना की स्थायी नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन दिया गया था. लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसे अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है. हालांकि, सैलरी के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया.

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