मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को 2022 में संसद को उड़ाने की धमकी देने से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया. 27 फरवरी को सजा पर बहस होगी.
कोर्ट ने IPC की धारा 506 भाग II के तहत दोषी करार दिया, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. हालांकि कोर्ट ने किशोर समरीते को अन्य आरोपों से बरी कर दिया.
हालांकि, विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने विस्फोटक रखने और जान को खतरे में डालने या चोट पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया गया. बता दें कि अपनी मांगें पूरी न होने पर सितंबर 2022 में संसद को उड़ाने की धमकी दी थी.
अदालत ने कहा कि राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल के कार्यालय को कथित तौर पर भेजे गए पार्सल में पाए गए पदार्थ की जांच करने पर पता चला कि “विस्फोट करने की उनकी क्षमता के मामले में यह हानिरहित है.”
संसद को उड़ाने की दी गई थी धमकी
अदालत ने फैसले कहा कि हालांकि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 5 और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत आरोप साबित नहीं हुए, फिर भी यह स्थापित हो गया कि आरोपी ने एक पत्र भेजा था जिसमें उसकी मांगें पूरी न होने पर भारत की संसद को उड़ाने की धमकी दी गई थी. अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 506 भाग II के तहत दोषी ठहराया, जिसके लिए अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है.
लांजी से पूर्व विधायक समरीते ने दी थी धमकी
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी से पूर्व विधायक समरीते ने संसद को उड़ाने की धमकी दी और 16 सितंबर, 2022 को राज्यसभा के अधिकारी को धमकी भरा पत्र भेजा, जिसमें कुछ मांगें और एक संदिग्ध पदार्थ था.
न्यायाधीश ने कहा कि समरीते द्वारा भेजे गए लेखों में संविधान की एक प्रति और भारतीय ध्वज के अलावा एक पत्र, एक संदिग्ध पदार्थ भी शामिल था.
न्यायाधीश ने कहा, “पत्र में स्पष्ट रूप से एक निश्चित तिथि और समय, यानी 30 सितंबर, 2022 को 11 बजे, अगर आरोपी द्वारा पत्र में व्यक्त की गई मांगें पूरी नहीं की गईं, तो डायनामाइट का उपयोग करके संसद को उड़ाने की मंशा व्यक्त की गई थी.”