मध्य प्रदेश के भोपाल में दो दिसंबर से लापता युवक की हत्या करने वाले को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. युवक की हत्या उसी के दोस्त ने की थी. हत्या के बाद वो 6 राज्यों में पहचान छुपाकर घूमता रहा और ड्राइवरी की नौकरी करता रहा. आरोपी ने जब पुलिस को हत्या का कारण बताया तो उसी के साथ कई और राज भी खुल गए.
छोला पुलिस कोआरोपी ने बताया- मैं ड्राइवरी की नौकरी करता हूं. मृतक संदीप प्रजापति मेरा दोस्त था. मुझे कम उम्र की लड़कियां बहुत पसंद हैं. मैंने पांच शादियां की थीं. फिर मुझे संदीप की मौसेरी बहन भी पसंद आ गई. मैं उससे शादी करना चाहता था. लेकिन संदीप मेरे प्यार के बीच में रोड़ा बना हुआ था. इसलिए मैंने पहले उसका अपहरण किया. फिर दो दोस्तों से संदीप की सगी बहन को फोन करवाया और 1 लाख की फिरौती मांगी. फिर हमने संदीप को मार डाला और रातापानी के जंगल में शव को फेंक दिया.
आरोपी ने बताया- इसके बाद मैंने भोपाल छोड़ दिया. फिर हत्या के बाद मैं नागपुर होता हुआ कोलकाता चला गया. इसके बाद असम, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक होते हुए आंध्रप्रदेश पहुंचा और नकली नाम से ड्राइवरी करने लगा.
पुलिस की मानें तो आरोपी पहले से ही 5 शादियां कर चुका है और अलग-अलग राज्यों में 5 अन्य महिलाओं से उसके संबंध भी हैं. लेकिन इसके बावजूद आरोपी की गंदी नजर उससे आधी की एक युवती पर रहती थी, जो कि उसके दोस्त की ही बहन थी. दोस्त को उसकी करतूत पता चल गई थी. बस इसीलिए दोस्त को रास्ते से हटा दिया.
छोला पुलिस के मुताबिक, 03 दिसंबर 2024 को सूरज प्रजापति नाम के शख्स ने एफआईआर लिखवाई. बताया कि उनका बेटा संदीप प्रजापति 2 दिसंबर से लापता. 3 दिसंबर को उनकी बेटी वंदना को अवकेश नाम के युवक ने फोन कर धमकी दी. कहा कि तुम मेरे पेटीएम खाते पर एक लाख रुपए डाल दो. तभी मैं तम्हारे भाई संदीप को छोडूंगा. यदि तुमने मोबाइल पर पैसे नहीं डाले तो मैं तुम्हारे भाई को जान से खत्म कर दूंगा. वंदना ने यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली और सूरज को सुनाई, जिसके बाद वो थाने पर एफआईआर लिखवाने आए. सूरज ने बताया कि कॉल कर फिरौती मांगने वाला अवकेश उनके बेटे संदीप का दोस्त ही है.
30 हजार रुपये का इनाम भी रखा
शिकायत के आधार पर छोला थाने की पुलिस ने आरोपी अवकेश के खिलाफ जांच शुरू कर दी. इस दौरान 7 दिसंबर को गुमशुदा संदीप प्रजापति की लाश थाना रेहटी जिला सिहोर के देलावाडी घाटी के जंगल से बरामद की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया और आरोपियों का सुराग देने पर 30 हजार रुपए इनाम की घोषणा की गई. करीब दो महीने की तफ्तीश और जद्दोजहद के बाद आरोपी अवकेश को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया. आरोपी दूसरे नाम से हैदराबाद में ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने लगा था.
आरोपी की पत्नियों से भी पूछताछ
आरोपी ने बताया कि वो हर जगह फर्जी पहचान के साथ ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर ड्राइवरी करता था. नकली पहचान पत्र से सिम कार्ड लेता था, इसलिए पिछले अपराधों में भी पुलिस उसको पकड़ नहीं पाई. क्योंकि अपराध के बाद वो राज्य ही बदल लेता था. फिलहाल पुलिस आरोपी की पत्नियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड को खंगाला जा सके.