शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद के ऊपर बने दो मंजिलों के अवैध निर्माण को हटाने के लिए सिविल सोसाइटी और देवभूमि संघर्ष समिति ने नगर निगम से गहरी नाराजगी जताई है. हाल ही में, इन संगठनों ने नगर निगम से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
ज्ञापन में कहा गया है कि नगर निगम कोर्ट ने चार महीने पहले संजौली स्थित मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर संबंधित पक्ष खुद नहीं हटाता, तो नगर निगम इसे गिराएगा. चार महीने बाद भी निगम की निष्क्रियता से जनता में नाराजगी बढ़ रही है.
सिविल सोसाइटी और देव भूमि संघर्ष समिति की तरफ से नगर नगम को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, “नगर निगम न्यायालय, एमसी शिमला द्वारा संजौली स्थित विवादित मस्जिद के ऊपर निर्मित दो मंजिलों को गिराने का आदेश दो माह के भीतर दिया गया था. किंतु, आज चार महीने का समय बीत जाने के बाद भी उक्त निर्माण को गिराने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है.”
आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ सकता, ज्ञापन के जरिए धमकी
इस मुद्दे पर सिविल सोसाइटी के प्रवक्ता ने कहा, “नगर निगम ने जनता को गुमराह किया है. निगम के आदेशों का पालन करने में उनकी विफलता से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. निगम की इस उदासीनता के चलते हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ सकता है.”
“अगर 15 दिन में नहीं गिराया गया तो…”
देवभूमि संघर्ष समिति ने सीधे चेताया है कि अगर 15 दिनों में अवैध निर्माण नहीं गिराया गया, तो विरोध में संजौली बाजार बंद कर दिया जाएगा, जो आगे चलकर एक बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकता है. समिति का कहना है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए, तो इसमें समस्त जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी.