ओडिशा के बलांगीर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी स्कूल के टीचर को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिली. टीचर का पूरा परिवार उनकी सैलरी पर ही डिपेंड है. ऐसे में सैलरी न आने की वजह से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया. अब टीचर तनख्वाह न मिलने की वजह से मजदूरी करने को मजबूर हो गए और मजदूरी करने के लिए उन्होंने स्कूल से छुट्टी के लिए प्रिंसिपल को आवेदन दिया.
यह मामला ओडिशा के बलांगीर जिले के पुइनताला (Puintala) ब्लॉक अंतर्गत बंधनबहाल सरकारी प्राथमिक विद्यालय का है. यहां कार्यरत सहायक शिक्षक प्रभुदत्ता साहू को बीते तीन महीनों से वेतन नहीं मिला, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. प्रभुदत्ता साहू का परिवार उनकी नौकरी से मिलने वाली आय पर ही निर्भर है, लेकिन बीते तीन महीने से वेतन न मिलने की वजह से भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और मजदूरी करने पर मजबूर हो गए हैं.
कुछ दिन मजदूरी, कुछ दिन शिक्षा
इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने मजबूर होकर स्कूल के प्रिंसिपल को छुट्टी का आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने मजदूरी करने की बात लिखी. छुट्टी आवेदन में उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलता. तब तक वो हफ्ते के कुछ दिन स्कूल में पढ़ाएंगे और कुछ दिन मजदूरी करेंगे. ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके. प्रिंसिपल ने भी मजबूर टीचर प्रभुदत्ता साहू की छुट्टी आवेदन को स्वीकार कर लिया.
स्कूल के प्रिंसिपल के प्रभुदत्ता साहू की छुट्टी को स्वीकृत करने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आखिर शिक्षक को वेतन देने में इतनी देरी क्यों हुई? क्या सरकार और प्रशासन शिक्षकों की स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है. यह मामला राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के लिए गंभीर चेतावनी है कि सरकारी शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों के सम्मान दोनों को प्रभावित करती है.