विविधताओं से भरे प्रयागराज संगम में एक और भी अनूठी बात देखने को मिली. यहां पर नागा साधुओं के पीठ पर लोगों का आई टेस्ट (Eye test) किया गया. शरीर पर भस्म मले नागा साधुओं के पीठ पर वो अक्षर लिखे थे जिसको दिखाकर आंख के डॉक्टर नजर चेक करते हैं. कुंभ में इस अनोखी पहल को लेकर लोगों में कौतूहल देखा गया.
संगम के तट पर जरूरतमंदों के लिए Eyebetes कैंप लगाया गया था. इस जांच शिविर में मधुमेह से आंखों को होने वाली परेशानियां और रोशनी छीनने वाली आंखों की दूसरी समस्याओं की मुफ्त जांच की व्यवस्था की गई थी. 10 फरवरी को शुरू हुआ ये कैंप मेले के अंत तक चलेगा.
नागा अखाड़े के एक प्रवक्ता ने कहा, “धार्मिक मान्यताओं में शीरीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य गहरे रूप से जुड़े हुए हैं. आध्यात्मिक यात्रा पर निकले असंख्य श्रद्धालुओं को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया ये बहुत ही अच्छा काम था. ”
Eyebetes फाउंडेशन के डॉ. निशांत कुमार ने कहा, “हमारे अध्ययनों से पता चला है कि चश्मे की ज़रूरत वाले 60% से ज़्यादा भारतीय बिना चश्मे के रह जाते हैं, और 60% प्री-डायबिटीज़ या शुरुआती मधुमेह रोगियों का निदान नहीं हो पाता. ये दोनों आंकड़े आपस में जुड़े हुए हैं, और इन स्थितियों से पैदा होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए बहुत कुछ करने की ज़रूरत है. मेले की अवधि के दौरान, हम महाकुंभ मेले में हमारे शिविर में आने वाले सभी लोगों के लिए मुफ़्त परीक्षण की पेशकश कर रहे हैं.”
इस संस्था का कहना है कि करीब 100 मिलियन यानी कि 10 करोड़ भारतीयों को मधुमेह से संबंधित जटिलताओं का खतरा हो सकता है, जिसमें दृष्टि का चला जाना भी शामिल है और अगले दशक में इन संख्याओं के दोगुना होने की उम्मीद है.
इस संस्था ने बताया कि महाकुंभ मेला 400 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंचने का एक शानदार तरीका रहा.
Eyebetes का कहना है कि इस आई कैंप में लगभग 100 ट्रेंड स्टाफ ने मुफ्त आंखों की जांच की. इस दौरान 50 हजार जोड़ी से अधिक चश्मे बांटे गए.
12 वर्षों में एक बार देखे जाने वाले, भस्म मले शरीर वाले नागा साधु लाखों लोगों के लिए एक संदेश लेकर आए थे, जो उन्हें प्रशंसा, श्रद्धा और जिज्ञासा से देखते थे.
गौरतलब है कि Eyebetes फाउंडेशन एक धर्मार्थ संगठन है जो मधुमेह और रोके जा सकने वाले अंधेपन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित है. 2016 में डॉ. निशांत कुमार, डॉ. शिशिर कुमार और प्रोफेसर मीनाक्षी कुमार द्वारा स्थापित ये संस्था रोके जा सकने वाले अंधेपन को लेकर काम करने वाली भारत के सबसे बड़े संगठनों में से एक है.