राजस्थान और मध्यप्रदेश में पिछले कुछ महीनों में नकली सरसों बिकने की कई घटनाएं सामने आई हैं. राजस्थान के बीकानेर में भी एक सरसों फैक्टरी में नकली सरसों से भी पिकअप गाड़ी आई. फैक्टरी मालिक ने जब बोरी की तुलाई की तो पत चला कि इसका वजन असामान्य था. इसके बाद जब सरसों के दानों को पानी में डाला तो वे घुल गए. खास बात यह है कि जब सरसों में तेल की मात्रा चेक करने के लिए इसका परीक्षण किया गया तो इसमें तेल की मात्रा भी 42 फीसदी पाई गई.
बता दें, नकली सरसों पकड़े जाने का यह पहला मामला नहीं है. हाल ही में राजस्थान के टोंक के मालपुरा मंडी में भी काली मिट्टी से बनाई गई नकली सरसों का ट्रक पकड़ा गया था. इस ट्रक में लाई गई नकली सरसों की लैब जांच कराई गई जिसमें तेल की मात्रा भी 38.9 फीसदी मिली. पुलिस ने तब ट्रक में लाई सरसों जब्त कर केस दर्ज कर लिया था. इससे पहले अप्रैल में भी भरतपुर जिले की वैर कृषि उपज मंडी में भी कुछ लोग 17 कट्टे नकली सरसों बेचने आए थे.
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गलती से इस नकली सरसों के बारे में पता चला था. कुछ लोग सरसों बेचने के लिए आए थे. मंडी में व्यापारी भूरा चौधरी की दुकान पर सरसों उतारी गई थी. सरसों की लैब में जांच की तो पता चला कि इसमें तेल की मात्रा 43 फीसदी है. तुलाई से कुछ देर पहले अचानक खुले में पड़ी सरसों पर पानी गिरा. जिसके बाद सरसों के दाने पानी में घुल गए. फिर व्यापारी ने पानी में कुछ दाने डुबाए तो पता चला कि सरसों नकली है.
सरसों और सरसों तेल (Sarso Tel) के व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि बाजार में नकली सरसों का बिकना गंभीर चिंता का विषय है. भारत सरसों के तेल (Mustard Oil) का खाना बनाने में इस्तेमाल होता है. नकली सरसों में तेल की मात्रा सही दिखाने तथा इसे बनाने में केमिकल तथा कुछ अन्य चीजों का प्रयोग किया जाता है. नकली सरसों की पिड़ाई भी असली के साथ हो जाने उससे निकला तेल मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. इसके साथ ही नकली सरसों अगर बड़े पैमान पर बनाई जाने लगी तो इससे किसानों को भी नुकसान होगा.