ओडिशा के क्योंझर जिले में अपहरण हुए एक माइनिंग कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट को पुलिस ने बरामद कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची से सात लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 50.90 लाख रुपए कैश, एक टॉय राइफल, क्राइम का ब्लूप्रिंट, आठ मोबाइल फोन, एक कार, एक बाइक और आरोपियों के पहचान पत्र जब्त किए गए हैं. अपहरणकर्ताओं ने दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी.
डीआईजी बृजेश राय ने बताया कि 13 फरवरी को एक माइनिंग कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट निमानंद प्रधान की पत्नी सुजाता प्रधान ने क्योंझर जिले के बड़बिल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके पति एक दिन पहले ऑफिस से घर नहीं लौटे हैं. उस दिन नियमित ड्राइवर की जगह एक नया ड्राइवर रखा गया था. उन्होंने बताया कि उनके पति और ड्राइवर के मोबाइल फोन लगातार बंद जा रहे हैं.
पीड़ित की पत्नी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया. इसके बाद डीआईजी बृजेश राय और एसपी कुशालकर नितिन दागुडू के नेतृत्व में पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं. इनको झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर भेजा गया. इस दौरान सभी प्रदेशों की पुलिस ने उनका सहयोग किया. उनकी मदद से अपराधियों को ट्रैक कर लिया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पटना, जमशेदपुर, रांची, कोलकाता, पुरुलिया, चाईबासा और विधाननगर में 10 दिनों तक विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई. इसके बाद आखिरकार रांची के पास एक जगह से पीड़ित निमानंद प्रधान को छुड़ा लिया गया. पुलिस ने शनिवार को सात आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित के परिवार से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी.
इसके बाद पीड़ित परिवार ने 60 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया था. लेकिन इस दौरान पुलिस लगातार सक्रिय रही और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से 50.90 लाख रुपए कैश, एक टॉय राइफल, आठ मोबाइल फोन, पीड़ित की कार, एक मोटरसाइकिल और आरोपियों के पहचान पत्र जब्त किए गए हैं. झारखंड स्थित इस गिरोह का सरगना पुलिस की पकड़ से फरार हो गया है.