पंजाब पुलिस ने रविवार को आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के दो मुख्य ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया, जिनके सीधे संपर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा और अमेरिका स्थित गैंगस्टर हैप्पी पासियां से थे. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जगदीश सिंह उर्फ जग्गा और शुभदीप सिंह औलख उर्फ शुभ के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, इन्हें पंजाब में टारगेट किलिंग करने का आदेश मिला था.
पाक में बैठा आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा देता था आदेश
पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि मोहाली की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) ने खुफिया जानकारी के आधार पर इन आतंकियों को पकड़ा. उन्होंने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपी 10 फरवरी 2025 को महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक व्यक्ति की हत्या और दूसरे को गंभीर रूप से घायल करने की बात स्वीकार कर चुके हैं. यह हमला रिंडा के निर्देश पर किया गया था.’ इनेक पास से दो .32 बोर की पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी पंजाब के तरनतारण जिले से हैं. फिलहाल, पूरे नेटवर्क का खुलासा करने के लिए जांच जारी है.
क्या है बब्बर खालसा इंटरनेशनल?
गौरतलब है कि पंजाब में अलगाववाद की मांग के बीच पिछले दिनों एक धमाका हुआ. ब्लास्ट वैसे तो लो-इंटेंसिटी था, जिसमें किसी नुकसान की खबर नहीं आई. इस बीच बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) ने सोशल मीडिया पर पंजाबी में एक पोस्ट करते हुए घटना की जिम्मेदारी ली. कई देशों में एक्टिव ये गुट खालिस्तान के नाम पर आतंकी गतिविधियां करता रहता है.
बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) एक चरमपंथी समूह है, जो साल 1978 में बना था. खालिस्तान को लेकर बने इस गुट को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने टैररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन्स की लिस्ट में सबसे ऊपर रखा है. इसकी ताकत और असर का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि नब्बे के दशक में जब चरमपंथ को रोकने का अभियान चला और साल 1993 में पाकिस्तान या विदेशी शक्तियों की मदद से चल रहे ऐसे तमाम समूह खत्म हो गए, तब भी जो बचे-खुचे संगठन थे, उनमें बीकेआई एक था. साउथ एशिया टैररिज्म पोर्टल में इसे सबसे संगठित और खतरनाक समूहों में रखा गया है. ये गुट फिलहाल कनाडा, यूके, यूएस के अलावा कई यूरोपियन देशों जैसे जर्मनी, फ्रांस और स्विटजरलैंड से भी संचालित हो रहा है. वाधवा सिंह इसका वर्तमान लीडर है जो कथित तौर पर पाकिस्तान में छिपा हुआ है. मेहाल सिंह डिप्टी चीफ है. इसके भी पाकिस्तान में शरण ली हुई है. ये दोनों उन 20 आतंकियों में से हैं, जिनके प्रत्यर्पण की भारत लगातार मांग करता रहा.