तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में SLBC परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा धंस जाने के कारण 8 लोग पिछले 45 घंटे से ज्यादा वक्त से अंदर फंसे हुए हैं. भारतीय सेना, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. हालांकि उनकी सलामती के लिए प्रार्थना की जा रही है.
तेलंगाना के मंत्री जे.कृष्णा राव ने कहा कि सुरंग में काफी मलबा जमा हो चुका है, जिससे अंदर चलना मुश्किल हो गया है. सुरंग के अंदर गए कृष्ण राव ने संवाददाताओं से कहा कि सुरंग के अंदर बहुत अधिक मलबा जमा हो गया है, जिससे उसमें से गुजरना असंभव हो गया है. रेस्क्यू टीम उसमें से निकलने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कह सकते, हमें उम्मीद है, लेकिन जिस तरह की घटना हुई वह बहुत गंभीर थी. बचने की संभावना का हम अनुमान नहीं लगा सकते. संभावनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं. राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वीडियो में बचावकर्मियों को मोटे कीचड़, लोहे की छड़ों और सीमेंट के टुकड़ों के बीच रास्ता बनाते हुए देखा गया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
टनल ध्वस्त होने से मची अफरा-तफरी
तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे. हादसे के बाद ज्यादातर लोग अंदर मौजूद ट्रेन या लोकोमोटिव की मदद से बाहर निकल आए, लेकिन 8 लोग अभी तक लापता हैं. उन्होंने बताया कि सुरंग का आखिरी 200 मीटर हिस्सा पानी और कीचड़ से भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. भारी मशीनरी को अंदर ले जाना संभव नहीं है. इसलिए वैकल्पिक तरीकों से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है.
13वें KM तक पहुंचने में सफल रही टीमें
सूत्रों ने बताया कि सुरंग के ढहने के बाद 13वें किलोमीटर तक पहुंचने में सफल रही टीमों ने फंसे हुए लोगों के नाम पुकारे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. टनल में फंसे आठ लोगों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं.
किस राज्य के कितने लोग फंसे हैं?
उत्तर प्रदेश: मनोज कुमार, श्री निवास
जम्मू-कश्मीर: सनी सिंह
पंजाब: गुरप्रीत सिंह
झारखंड: संदीप साहू, जगता एकसेस, संतोष साहू, अनुज साहू
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी NDRF-SDRF
नागरकुरनूल के जिलाधिकारी बी. संतोश के अनुसार बचाव कार्य में 4 NDRF टीमें (हैदराबाद से एक, विजयवाड़ा से तीन), सेना के 24 जवान, एसडीआरएफ कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य और अन्य एजेंसियां लगी हुई हैं. वहीं, एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि सुरंग के अंदर भारी मलबा और क्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन (TBM) के टुकड़े बिखरे हुए हैं. 13.5 किमी तक पहुंचने के बाद बचाव दल ने अंदर फंसे लोगों को आवाज दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. अगले 200 मीटर का सफर तय करने के बाद ही उनकी स्थिति स्पष्ट होगी.
भारतीय सेना का सहयोग
सेना की बाइसन डिविजन की इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को भी बचाव अभियान में लगाया गया है. रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय सेना सभी एजेंसियों के साथ मिलकर तेजी से बचाव कार्य पूरा करने में जुटी हुई है. हमारी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना है.
राहुल गांधी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से बात की और चल रहे बचाव प्रयासों की सराहना की. उन्होंने सरकार से कोई भी कसर न छोड़ने का आग्रह किया. वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी तेलंगाना सरकार से झारखंड के 4 मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.