रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र राज्यपाल रमेन डेका के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ बनने की दिशा में प्रदेश की साय सरकार कड़ी मेहनत कर रही है. ये साल छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का सिलवर जुबली वर्ष है.
राज्यपाल ने कहा छत्तीसगढ़ में बीते 25 सालों में बड़े काम हुए. कुछ सालों में बाधा और कमजोर प्रगति के बावजूद विकास फिर से शुरू हुआ. साय सरकार ने पेंडिग प्रोजेक्ट को फिर शुरू करते हुए सुस्त पड़ी इकोनॉमी को संजीवनी देने का काम शुरू किया.
राज्यपाल ने कहा सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है. इस मौके पर जनादेश पर्व मनाया औऱ जनता को अपने सालभर का लेखा जोखा दिया. नगरीय निकाय में नई निर्वाचित सरकार चुनी गई है. छत्तीसगढ़ को ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है. केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों में बेहतर समन्वय के साथ बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकायों में मेयर और प्रेसिडेंट के लिए प्रत्याक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया फिर से शुरू की. इसके चलते जनता को मेयर चुनने का मौका मिला.
राज्यपाल ने कहा आदिवासियों को वनोपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है. सुरक्षाबलों के जवानों के एक्शन और एरिया डोमिनेशन से बस्तर में नक्सलवाद आखिरी सांस ले रहा है.
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा इस खरीफ वर्ष में अलग अलग योजनाओं के जरिए किसानों के खाते में 52 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि ट्रांसफर की गई है. 1 लाख करोड़ की राशि भी किसानों के खातों में जारी की. किसानों से 3100 रुपये समर्थन मूल्य के हिसाब से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा गया. इस साल धान खरीदी ने रिकॉर्ड बनाया. 25 लाख 49 हजार किसानों से 149 लाख 25 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया.
भूमिहीन किसानों के लिए दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत इस साल 5 लाख 65 हजार भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10-10 हजार रुपये दिए गए. किसान सम्मान निधि से 24 लाख 31 हजार से ज्यादा किसान लाभान्वित हो रहे हैं. किसान हितैषी नीति के चलते राज्य में किसानों की संख्या बढ़ी है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या 25 लाख 9 हजार 514 हो गई है. योजना से लाभान्वित होने वाले 77 हजार 500 से ज्यादा नए किसान जुड़े हैं.
छत्तीसगढ़ शक्ति पूजा का केंद्र है. इसके तहत महिलाओं के विकास के लिए हमने काम किया है. हर महीने महतारी योजना का लाभ दिया जा रहा है. हर महीने की पहली तारीख को 1 हजार रुपये 69 लाख 54 हजार महिलाओं के खाते में दी जाती है. माता बहनों के लिए ये 1 हजार रुपये की राशि बहुत मायने रखती है.