रायपुर। वार्ड पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रायपुर नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों को नसीहत दी कि पार्षद बनना, ठेकेदार नहीं। वे स्वयं भी ठेकेदार बनते तो आज क्लास वन ठेकेदार होते। लेकिन वो सम्मान नहीं मिलता, जो आज उन्हें मिलता है। महाराष्ट्र मंडल ने रायपुर नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे और 52 पार्षदों का गरिमामय समारोह में अभिनंदन किया। इस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि डा. रमन सिंह संबोधित कर रहे थे।
स्पीकर डा. रमन ने कहा कि पार्षद से लेकर अब तक के अपने सफर के अनुभव से वे कह सकते हैं कि सर्वाधिक कठिन चुनाव पार्षद का होता है। अगर आप पार्षद बन सकते हैं, तो कुछ भी बन सकते हैं। आपका भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के विकास की जिम्मेदारी महापौर सहित आप सभी की है। अपने- अपने वार्ड में विकास के हर कार्य करना है ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।
डॉ. रमन ने नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे के जीत के अंतर पर चुटकी लेते हुए कहा कि नई महापौर ब्राह्मण है और राज्य में सर्वाधिक एक लाख इनक्यावन हजार एक सौ ग्यारह मतों से जीती हैं। उनके जीत के अंतर को देखकर समझ नहीं आता कि उन्होंने लोगों से वोट मांगे हैं या दक्षिणा।
15 साल के वनवास के बाद लौटे है सीता मां को लेकर
अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता कर रहे रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत ने कहा कि भगवान राम 14 बरस के वनवास के बाद लौटे थे। हम 15 साल के वनवास के बाद सीता मां को लेकर लौटे हैं। जितनी बड़ी जीत होती है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी। मुझे विश्वास है कि महापौर के साथ सभी पार्षद विचारधारा से ऊपर उठकर रायपुर शहर के विकास के लिए काम करेंगे। अच्छे काम करने के लिए अच्छे विचारों का होना जरूरी है। आप रहे न रहें, शहर रहेगा, यह याद रखें। मूणत ने आश्वस्त किया कि महाराष्ट्र मंडल अब इतनी बड़ी संस्था हो गई है कि उसे कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। रही रायपुर में वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने की मांग की, तो मैं आश्वस्त करता हूं कि वो तो हम लगाएंगे ही।