यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध को 3 साल पूरे होने पर UN में एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी. प्रस्ताव पर अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया. अमेरिका की वोटिंंग ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. भारत यूएन महासभा के मसौदा प्रस्ताव पर कराई गई वोटिंग में शामिल नहीं हुआ.
अमेरिका ने सोमवार को प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर रूस के जैसे ही वोटिंग की है, जिसमें क्रेमलिन को आक्रामक नहीं बताया गया, और न ही यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को स्वीकार किया.
अमेरिका की वोटिंग ने चौंकाया
प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में करीब 65 देश शामिल ही नहीं हुए. इसमें अमेरिका, इजरायल और हंगरी देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग की है. हालांकि ये प्रस्ताव 93 वोटों से पारित हो गया. प्रस्ताव सुरक्षा परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों के समर्थन के बिना प्रस्ताव पारित हुआ.
अमेरिका और रूस के बीच ये चौंकाने वाला गठबंधन ऐसे समय में सामने आया है, जब ट्रंप प्रशासन की तरफ से युद्ध को समाप्त करने की बातचीत की जा रही है. पिछले कुछ दिनों से प्रेसिडेंट ट्रंप की यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के खिलाफ बयानबाजी तेज हो चली है.
प्रस्ताव पर क्या बोला अमेरिका?
अमेरिका की तरफ से UN में प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें न तो रूस का जिक्र था और न ही क्रेमलिन को आक्रामक नहीं कहा गया. न ही यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को स्वीकार किया गया. अमेरिका ने कहा कि वो लड़ाई को जल्द खत्म करके यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति की अपील करता है.
अमेरिका डिप्लोमैट डोरोथी कैमिली शिया ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव युद्ध को रोकने में नाकाम रहे हैं. यह युद्ध अब बहुत लंबा खिंच चुका है. यूक्रेन और रूस के साथ साथ दूसरी जगहों पर भी लोगों को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है.
प्रस्ताव के जरिए क्या हैं मांगें?
इस प्रस्ताव के जरिए कहा गया था कि रूसी हमला 3 साल से जारी है और इसका विनाशकारी प्रभाव न सिर्फ यूक्रेन बल्कि दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग मारे गए हैं. इसका असर न सिर्फ एक देश पर पड़ा है बल्कि पूरी दुनिया पर इस युद्ध का असर देखने को मिला है. इसमें दोनों देशों में हुए जानमाल के नुकसान पर शोक जाहिर किया.
प्रस्ताव में मांग की गई है कि यूक्रेन से रूसी सेना की तत्काल वापस लौट आए, यूक्रेन में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति, युद्ध अपराधों के लिए रूस की जवाबदेही है. इन्हीं कुछ मांगों पर वोटिंग कराई गई थी.