महाकुंभ अब अपने अंतिम पड़ाव में है. महाशिवरात्रि पर आखिरी अमृत स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा. इसको लेकर संगम नगरी में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है. रेलवे की भी पूरी तैयारी है. आज शाम 4 बजे से कुंभ मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन होगा. जबकि, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि को देखते हुए शाम 6 बजे से पूरे प्रयागराज में नो व्हीकल जोन लागू कर दिया जाएगा. सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी. भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी.
आपको बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ के समापन में महज दो दिन बचे हैं. महाकुंभ का आज 44वां दिन है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही 13 जनवरी से शुरू हुए आस्था के इस पर्व का समापन हो जाएगा. अबतक 63 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के लिए भक्तों की भारी भीड़ का प्रयागराज पहुंचना जारी है. जिसकी वजह से शहर में जाम लग रहा है. हालांकि, प्रशासन अलर्ट है.
कहा जा रहा है कि महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में एक बार फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं. जिला प्रशासन और मेला प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह से तैयार है और व्यवस्था बनाए रखने में जुटा हुआ है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. हाल ही में मुख्य सचिव और डीजीपी ने समीक्षा बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया था.
प्रयागराज में ट्रैफिक का हाल
गौरतलब हो कि महाशिवरात्रि और महाकुंभ के आखिरी स्नान को लेकर श्रद्धालु लगातार संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं. सोमवार की शाम से ही रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से संगम जाने वाले रास्तों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई थीं. श्रद्धालुओं के लिए तीन दर्जन पार्किंग स्थल बनाए गए हैं.
महाशिवरात्रि के स्नान के लिए श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही और सुरक्षा कारणों से मेला क्षेत्र में ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग की व्यवस्था की गई है. 25 फरवरी को सुबह 8 बजे से 27 फरवरी को सुबह 8 बजे तक महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रशासनिक और इमरजेंसी वाहनों के अलावा हर तरह के वाहनों की आवाजाही बैन कर दी गई है.
जौनपुर की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग- चीनी मिल पार्किंग, पूरे सूरदास पार्किंग गारापुर रोड, समयामाई मंदिर कछार पार्किंग, बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्ग उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग. जौनपुर साइड से आए श्रद्धालु अपने वाहनों को खड़ा करके ओल्ड जीटी मार्ग से मेला क्षेत्र में जा सकते हैं.
वाराणसी की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग स्थल- महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग यानी अखाड़ा पार्किंग, सरस्वती पार्किंग झूसी रेलवे स्टेशन, नागेश्वर मंदिर पार्किंग, ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग, शिव मंदिर उस्तापुर महमूदाबाद पार्किंग. वाराणसी साइड से आए श्रद्धालु इन पार्किंग स्थलों से छतनाग मार्ग से मेला क्षेत्र में जा सकते हैं.
मिर्जापुर की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग- देवरख उपरहार पार्किंग उत्तरी/दक्षिणी, टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ/मवईया/देवरख, ओमेंक्स सिटी पार्किंग, गजिया पार्किंग उत्तरी/दक्षिणी. मिर्जापुर साइड से आए श्रद्धालु अरैल बांध रोड से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं.
इन घाटों पर करें स्नान
अधिकारियों ने अपील की है कि श्रद्धालुओं को अपने प्रवेश बिंदु के आधार पर निकटतम निर्दिष्ट घाटों पर ही स्नान करना चाहिए. दक्षिणी झूंसी मार्ग से आने वालों को अरैल घाट का उपयोग करना चाहिए, जबकि उत्तरी झूंसी मार्ग से आने वालों को हरिश्चंद्र घाट और पुराने जीटी घाट की ओर जाना चाहिए.
परेड क्षेत्र के प्रवेशकों को भारद्वाज घाट, नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, राम घाट और हनुमान घाट की ओर जाने का निर्देश दिया गया है. अरैल क्षेत्र से आने वाले भक्तों को स्नान के लिए अरैल घाट का उपयोग करना चाहिए.
रेलवे स्टेशनों पर बनाए गए होल्डिंग एरिया
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) पर भी महाकुंभ के दौरान जबरदस्त भीड़ उमड़ी. अंतिम स्नान के लिए स्टेशन पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. यहां श्रद्धालु ठहर सकते हैं. उधर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ के बाद सुरक्षा-व्यवस्था के साथ टिकट काउंटर और ऑटोमेटेड टिकट वेंडिंग मशीनों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
रेलवे के मुताबिक, वाराणसी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के ठहरने के लिए दो विशेष यात्री आश्रय स्थल बनाए गए हैं. प्रत्येक की क्षमता 5000 यात्रियों की है. इसके अलावा- बिहार, अयोध्या और प्रयाग जाने वाले यात्रियों के लिए तीन अतिरिक्त होल्डिंग एरिया तैयार किए गए हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता 10000 यात्रियों की है. इन आश्रय स्थलों में पानी, बिजली, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, अस्थायी शौचालय, मेडिकल सुविधाएं और खान-पान की व्यवस्था की गई है.