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इटावा में वकीलों का हल्ला बोल: न्यायिक कार्यों से रहे दूर, लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

इटावा:  जिला बार एसोसिएशन और सिविल बार एसोसिएशन के वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने जिला जज और जिलाधिकारी को 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए न्यायालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं और सरकारी अधिवक्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए.

भ्रष्टाचार के आरोप:
वकीलों का कहना है कि न्यायालय में कार्यरत सरकारी अधिवक्ता, बाबू और क्लर्क रिश्वतखोरी में लिप्त हैं. आरोप है कि कुछ बाबू वर्षों से एक ही कोर्ट में जमे हुए हैं और मनमानी वसूली कर रहे हैं। जुर्माने की रकम ज्यादा ली जाती है, लेकिन रसीद कम रकम की दी जाती है.

 

कानून के खिलाफ आदेश:
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार गौड़ और सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि न्यायालयों में कई अनियमितताएं हो रही हैं. न्यायिक अधिकारी कानून के विपरीत आदेश पारित कर रहे हैं, जिससे गरीबों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. वकीलों ने आरोप लगाया कि परिवार न्यायालय में धारा 13बी (तलाक संबंधी मामले) के केस में जानबूझकर लंबी-लंबी तारीखें दी जा रही हैं.

 

एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग:
वकीलों ने मांग की कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को तत्काल लागू किया जाए. इसके अलावा, कचहरी परिसर में पेयजल, शौचालय और सफाई की उचित व्यवस्था किए जाने की भी मांग उठाई.

समाधान नहीं तो आंदोलन:
वकीलों ने साफ कर दिया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं. इस दौरान देवेन्द्र पाल सिंह, हंसमुखी शंखवार, देवेन्द्र सिंह कुशवाह, मनोज कुमार, अश्वनी सिंह, नेहा सिंह, अनिल वर्मा, नदीम अहमद, हैपी भदौरिया, योगेश यादव, विकास, शिबू, प्रांजल सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे.

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