हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने शुक्रवार रात करीब 11:30 बजे से बीआरटीएस को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। शुरुआत जीपीओ चौराहा से शिवाजी वाटिका के बीच की गई। यातायात थमते ही देर रात निगम की टीम जीपीओ चौराहा पहुंची और यहां गैस कटर की मदद से बीआरटीएस की रेलिंग को काटना शुरू किया.
साथ में चल रही मशीन से बीआरटीएस के बीम को उखाड़ा जा रहा है। इसके पहले सिटी बस ऑफिस में हुई बैठक में बीआरटीएस तोड़ने के संबंध में चर्चा हुई। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित अन्य अधिकारी इसमें शामिल हुए।
जहां ज्यादा चौड़ा वहां पहले रेलिंग हटाई जाएगी
तय किया गया कि बीआरटीएस को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। जहां-जहां जाम की स्थिति बनती है या जहां बीआरटीएस बहुत ज्यादा चौड़ा है वहां पहले चरण में रेलिंग हटाई जाएगी।
राजीव गांधी चौराहे से देवास नाका तक 11.45 किमी लंबे इस कॉरिडोर को पूरी तरह से हटाने में कम से कम चार से पांच माह का समय लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक, जहां कॉरिडोर का हिस्सा तोड़ा जाएगा, वहां आई-बसें मिक्स लेन में चलाई जाएंगी।
सर्वे के बाद जारी होगी निविदा
महापौर भार्गव ने बताया कि चिह्नित स्थानों से रेलिंग हटाने के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर का सर्वे करवाया जाएगा। इसके बाद इसे तोड़ने के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले निविदाकार को बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़ने का ठेका दिया जाएगा।
बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़े जाने से लोक परिवहन में कोई बदलाव नहीं होगा। जैसे अभी बसें चल रही हैं, वैसे ही चलती रहेंगी। इतना जरूर है कि अब आई बसों को मिक्स लेन में चलना होगा।
नए सिरे से बनेंगे बस स्टाप
अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) के सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि फिलहाल बीआरटीएस को अलग-अलग हिस्सों में तोड़ा जाएगा। शुरुआत रेलिंग हटाने से की जा रही है।
जहां पर बस स्टाप बंद किए जाएंगे, वहां सड़क किनारे अस्थायी व्यवस्था की जाएगी, ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। बस स्टाप हटाने में समय लगेगा क्योंकि यहां लगे कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर सहित अन्य सामग्री भी हटानी होगी।