52,000 बच्चे कहां से आए? फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट का खुलासा, ऐसे पकड़ी गई गड़बड़ी…

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पिछले साल जुलाई में पकड़े गए फर्जी प्रमाणपत्रों के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. जांच में सामने आया है कि पिछले कुछ ही महीनों में 52 हजार से ज्यादा बच्चों के फर्जी प्रमाण बनवाए गए हैं. फर्जीवाड़े की घटना को अंजाम देने के लिए गलत तरीके से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जा रहे थे. मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने बताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

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रायबरेली के सलोन में पिछले साल जुलाई में पकड़ा गया फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. पुलिस और जिला प्रशासन की जांच में सामने आया है कि जिले के कुछ ही गांव के पते पर 52 हजार से ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं. इसी के साथ प्रशासन अभी कई अन्य गांव के पते पर जन्म प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर रहा है. प्रशासन को आशंका है कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों का आंकड़ा एक लाख पहुंच सकता है.

फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द करने की कार्रवाई शुरू

फर्जी प्रमाणपत्रों के मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने निदेशालय को पत्र भेजकर अभी तक पाए गए सभी फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को निरस्त करने की सिफारिश की है. मामले की जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने बताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके अलावा अन्य गांव की भी जांच की जा रही है.

वीडीओ के आईडी से बना रहे थे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र

उन्होंने बताया कि 17 जुलाई 2024 को सलोन में एडीओ पंचायत ने ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव, सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान समेत चार लोगों के खिलाफ वीडियो के आई और पासवर्ड से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने की शिकायत की थी. वीडीओ विजय सिंह यादव जुलाई 2022 से अक्टूबर 2023 तक इलाके में पोस्टिंग थी. इस दौरान ग्राम पंचायत सांडा सैदन उनकी आईडी से 4,960 जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किए गए थे, जिनमें 4,897 फर्जी मिले.

पकड़ गए फर्जी प्रमाण पत्र

औनानीस में 1,671 बने थे, जिनमें 1,665 फर्जी पाए गए, माधौपुर निनैया में 3,790 बनाए गए थे, जिसमें 3,746 फर्जी पाए गए,पाल्हीपुर में 13721 में 13707 फर्जी मिले, पृथ्वीपुर में 9,399 जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए थे, जिसमें से 9393 फर्जी पाए गए. इसके अलावा भी जिले में हजारों फर्जी पत्र मिले हैं.

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