उदयपुर: रिटायरमेंट से दो दिन पहले नौकरी पर ‘दाग’, अथॉरिटी के सचिव सस्पेंड; क्या है मामला?

राजस्थान में एक अधिकारी को रिटायरमेंट से दो दिन पहले ही सरकार ने निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी को 28 फरवरी को रिटायर्ड होना था, लेकिन भ्रष्टाचार के एक मामले में विभाग ने उन्हें दो दिन पहले ही सस्पेंड कर दिया. निलंबन काल में अधिकारी का कार्यालय शासन सचिव कार्मिक विभाग का मुख्यालय रहेगा, जो कि जयपुर में है. सस्पेंड अधिकारी नितेंद्रपाल सिंह उदयपुर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव के पद पर कार्यरत थे.

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उदयपुर के उदयपुर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव नितेंद्र पाल को कार्मिक विभाग विभाग ने सस्पेंड कर दिया है. नितेंद्र पर यह कार्रवाई यूआईडी के 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में की गई है. इस संबंध में 26 फरवरी को कार्मिक विभाग के शासन उप सचिव मुकेश ने आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि राजस्थान सिविल सेवाएं 1958 के नियम 16 के अंतर्गत सचिव नितेंद्र पाल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई विचाराधीन बताते हुए है और उसी के तहत उनके निलंबन का आदेश जारी किया था.

घोटाले की बात आई थी सामने

इसी के साथ इस आदेश में निलंबन के दौरान सचिव के कार्यालय की भी जानकारी दी गई थी. आदेश में लिखा गया था कि निलंबन के दौरान नितेंद्र पाल सिंह कार्यालय शासन सचिव कार्मिक विभाग का मुख्यालय होगा. उल्लेखनीय है कि साल 2022 से 24 के बीच आडिट, तथ्यात्मक और मीडिया रिपोर्ट में घोटाले की बात सामने आई थी. अब विभागीय जांच पूरी होने तक समय-समय पर उन्हें उपस्थिति भी दर्ज करानी होगी.

रोका जाएगा पेंशन और पीएफ का पैसा

इसके अलावा पेंशन और पीएफ राशि का आधे से अधिक हिस्सा रोक दिया जाएगा. साथ में उन्हें स्टेट इंश्योरेंस का लाभ भी नहीं मिलेगा. चार्जशीट दाखिल होने के बाद हर माह पेशी होगी. उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने इस मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को लेकर मांग की थी. उसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले में एक्शन लिया और नितेंद्र पाल सिंह के रिटायर्ड से दो दिन पहले उन्हें निलंबित कर दिया.

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