शादी के दूसरे ही दिन दुल्हन के पेट में उठा दर्द, पहुंचे अस्पताल तो…दूल्हा बोला ये मेरा नहीं है

शादी के बाद किसी भी दुल्हन को मां बनने में कम से कम 9 महीने तो लगते ही हैं. कई बार तो यह सुख कई कई साल तक नहीं मिल पाता. लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अजीब घटनाक्रम हुआ है. यहां शादी के दूसरे ही दिन दुल्हन मां बन गई है. इस घटनाक्रम को लेकर दुल्हन और दूल्हे के बीच बवाल मचा हुआ है. दूल्हे ने साफ कह दिया है कि यह बच्चा उसका नहीं है. इसी के साथ दुल्हन और उसके बच्चे को स्वीकार करने से मना कर दिया है.

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उधर, दुल्हन के घर वालों ने दावा किया कि शादी तय होने के बाद से ही दूल्हा और दुल्हन संपर्क में थे और आपस में मिलते जुलते थे. मामला प्रयागराज के करछना तहसील का है. यहां जसरा गांव में 24 फरवरी को एक लड़की की बारात आई थी. बड़े धूम धाम से शादी हुई और अगले दिन दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कराकर अपने घर लौटा. वहां ससुराल में दिनभर दुल्हन की मुंह दिखाई का रस्म चला.

पेट दर्द की शिकायत पर ले गए थे अस्पताल

अगले दिन यानी 26 फरवरी की सुबह बहू उठी और घर में सबको चाय बनाकर दिया. इससे घर के लोग बड़े खुश थे. अभी यह सब हो ही रहा था कि दोपहर बाद बहू ने अपनी सास को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है. यह सुनते ही आनन फानन में गाड़ी बुलाई गई और लोग दुल्हन को लेकर करछना सीएचसी पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने जांच की और बताया कि दुल्हन तो प्रेग्नेंट है और उसकी डिलीवरी का समय आ गया है.यह सुनकर दूल्हे के परिवार वाले परेशान हो गए.

शादी के 2 दिन बाद पैदा हुआ बेटा

कहा कि अभी दो दिन पहले ही तो शादी हुई है. अभी दुल्हन के हाथ से मेहंदी के रंग भी नहीं छूटे, यह प्रेग्नेंट कैसे हो सकती है. चूंकि डॉक्टरों ने दुल्हन को डिलीवरी के लिए भर्ती कर लिया था, इसलिए तत्काल उसके परिजनों को बुलाया गया. बाहर पंचायत होने लगी. इतने में अस्पताल के अंदर से खबर आई कि बहू ने एक बेटे को जन्म दिया है. यह सुनते ही दूल्हे ने साफ कह दिया कि यह बच्चा उसका नहीं है और वह ना तो बच्चे को स्वीकार करेगा और ना ही दुल्हन को.

मई 2024 में तय हुई शादी

इस बात पर दोनों पक्षों में बवाल बढ़ गया.दुल्हन के मायके वालों का कहना है कि इनकी शादी मई 2024 में ही तय हो गई थी. उसके बाद से ही दोनों का मिलना-जुलना था. जबकि दूल्हे के पिता ने कहा कि वह बहू को नहीं अपना सकते. कहा कि लड़की वाले अपना सामान ले जाएं और उनका सामान दे दें. हालांकि इस पंचायत में कोई फैसला नहीं हो पाया तो दुल्हन के परिजन लड़की लेकर अपने घर चले गए.

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