रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 25वां बजट पेश किया, जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बजट को ‘शब्दजाल’ करार देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “ये बजट भाषण था या गणतंत्र दिवस का संबोधन, या फिर किसी कवि सम्मेलन की प्रस्तावना?”
बघेल ने इसे छत्तीसगढ़ की दुर्दशा का बजट बताया और कहा कि न इसमें जनता के लिए कोई राहत है, न किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कोई ठोस योजना। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
ये था क्या?
ये बजट भाषण था या, गणतंत्र दिवस का भाषण था या, किसी कवि सम्मेलन की भूमिका थी?? ये था क्या? ये जनता तो छोड़िए, भाजपा के लोगों को खुद समझ नहीं आया होगा.
न जनता के लिए कोई राहत, न किसान, युवा, महिला के लिए कोई घोषणा. बेहद निराशाजनक और सिंगल माइक पॉडकास्ट समाप्त हुआ.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि यह सिर्फ कल्पनाओं पर आधारित है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने छत्तीसगढ़ को 40 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में डुबो दिया है और आम लोगों की आमदनी में कोई इजाफा नहीं हुआ।
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बजट ऊंची दुकान फीका पकवान जैसा है। जमीनी हकीकत से इसका कोई लेना-देना नहीं है।”
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बजट का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रदेश की गति को तेज करने वाला बजट है। उन्होंने कहा, इस बार बजट में पेट्रोल के दाम कम किए गए हैं, कुछ टैक्सों में भी राहत दी गई है। इसके बावजूद पूंजीगत व्यय 22 हजार करोड़ से बढ़कर 26 हजार करोड़ तक पहुंचा है, जो राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।