पिछले 6 महीने से शेयर बाजार (Stock Market) गिर रहा है, जिससे निवेशकों में हाहाकार मचा है. जब भी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो निवेशक सोने (Gold) की तरफ भागते हैं. वैसे भी सोने को मुसीबत का सहारा कहा जाता है और सोने का इतिहास देखें तो हमेशा से संकट में साथ दिया है. सोने की कीमतों में लगातार 8 हफ्ते तक तेजी के बाद अब सुस्ती देखी गई है.
दरअसल, शेयर बाजार में गिरावट के बीच सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रही थी. लेकिन पिछले 4 दिनों से सोना सस्ता हो रहा है. जिससे कीमतों में 2500 रुपये की बड़ी गिरावट देखी जा रही है.
हाई से इतना फिसल चुका है सोना
IBJA के मुताबिक सोमवार की शाम 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत (Today Gold Price) 85020 रुपये थी. इससे पहले 28 फरवरी को 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 85056 रुपये थी. जबकि फरवरी में 24 कैरेट 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 87600 रुपये तक पहुंच गई थी. सोने में तेजी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस साल अब तक गोल्ड ने 11 बार रिकॉर्ड हाई बनाया है.
बता दें, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में पिछले एक हफ्ते में करीब 2500 रुपये से ज्यादा की नरमी देखी गई. यही नहीं, 3 मार्च को कारोबार के दौरान एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट 84,511 रुपये के निचले स्तर तक गया.
ग्लोबल लेवल पर भी कमोबेश यही हाल है. ग्लोबल मार्केट में पिछले हफ्ते सोना 3 फीसदी से ज्यादा कमजोर हुआ. जानकारों के मुताबिक सोने की कीमतों में नरमी की मुख्य वजह ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली है. साथ ही अमेरिकी डॉलर में आई तेजी ने भी सोने की कीमतों पर दबाव बनाया है.
सोने में कीमतों में गिरावट के पीछे एक कारण ये भी है कि अमेरिका में महंगाई बढ़ती दिख रही है, और फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती के फैसले को कुछ समय के लिए टाल सकता है.
क्यों सोने की कीमतों में उछाल?
हालांकि मार्केट एक्सपर्ट सोने को लेकर बेहद बुलिश हैं. क्योंकि ग्लोबल लेवल पर तनाव बढ़ सकता है. जिससे सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की मांग बरकरार रह सकती है. इसके अलावा इंवेस्टमेंट डिमांड और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी भाव को बढ़ने में सपोर्ट कर रहे हैं.
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण ये है कि तमाम सेंट्रल बैंक सोने की खरीदारी को बढ़ा रहे हैं. केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने जनवरी में 4.5 टन सोना खरीदा था. जिससे जनवरी के अंत तक चीन का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2,285 टन पर पहुंच गया, जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का 5 फीसदी से ज्यादा है.
भारत का केंद्रीय बैंक भी सोने खरीदने में पीछे नहीं है. सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बीच RBI ने नए साल की शुरुआत यानी जनवरी में फिर से सोना खरीदा. जनवरी 2025 तक देश में गोल्ड रिजर्व बढ़कर 879.01 टन पर पहुंच गया, पिछले साल के मुकाबले यह 8 फीसदी ज्यादा है