अर्थशास्त्री की नजरों से कैसा रहा छत्तीसगढ़ की साय सरकार का बजट

रायपुर: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज विधानसभा में बजट पेश किया. बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई. बजट को जहां सत्ता पक्ष ने विकास का बजट बताया वहीं विपक्ष ने इस निराशाजनक बजट करार दिया. पेश किए गया बजट आर्थिक नजरिए से कितना अच्छा और कितना कारगर साबित होगा इसको जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट से राय ली. ईटीवी भारत ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र ब्रम्हे से बजट पर चर्चा की.

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बजट पर क्या कहते हैं अर्थशास्त्र के प्रोफेसर: रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज पेश किए गए बजट में दो प्रमुख बातों का ध्यान रखा है. पहला राज्य को कैसे विकास की ओर ले जाया जाए और कितनी तेज गति से ले जाया जा सकता है, उसके लिए बजट में क्या प्रावधान किया गया है. रविंद्र ब्रम्हे कहते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया गया है जो किसी भी राज्य का विकास करने के लिए जरुरी है. यदि विकास नहीं करेंगे तो टैक्स के रूप में रेवेन्यू भी जनरेट नहीं होगा, इसलिए सबसे पहले विकास होना चाहिए.

तकनीक और रोजगार पर फोकस: डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि बजट में किस प्रकार से नई तकनीक का उपयोग करें, कहां रोजगार बढ़ाया जा सकता उसे लेकर खास ध्यान दिया गया है. सब्सिडी उन्हें दी जा रही है जहां रोजगार बढ़ाने की संभावना है. डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि बजट में गवर्नेंस की बात कही गई है. अनावश्यक कानून, अनावश्यक रुकावटें और लाल फीताशाही के द्वारा अवरोध पैदा किया जाता है, उसे कैसे कम किया जा सकता है इस चिंता की गई है.

जीएसटी पर खास ध्यान: डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि जीएसटी के मामलों में 10 साल पुराने लगभग 25000 केस में नए प्रावधान होने से फायदा मिलेगा. गवर्नेंस के जरिए इसका सुधार भी किया जा रहा है. इसमें ट्रांसपेरेंसी बढ़ाई जा रही है जो बजट के प्रावधान में शामिल हैं.

 

इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट जरुरी: डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि दूसरी ओर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट भी राज्य के लिए जरूरी है. सबसे ज्यादा जीडीपी इंडस्ट्री देती है, उसके बाद सर्विस सेक्टर है. इस सेक्टर के लिए लगभग 19% की वृद्धि की गई है. इस बजट में गति की बात की गई है, टेक्नोलॉजी की बात की गई है, गवर्नेंस की बात कही गई है. सबसे बड़ी बात बजट में है वो है सुधार की बात. उसके लिए राजकोषीय प्रबंधन किया गया है. 165000 करोड़ का यह बजट है इसमें जो राजकोषीय घाटा है वह नियंत्रित है, उसके लिए बताया गया है कि तीन प्रतिशत से कम होना चाहिए , वह 3% से कम रखा गया है. इसी आधार पर राज्य की राजकोषीय स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है.

 

पापुलेशन कमीशन ऑफ़ इंडिया: डॉ. रविंद्र ब्रम्हे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार पापुलेशन कमीशन ऑफ़ इंडिया के अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 15 साल से 59 साल तक के लोग की जनसंख्या 2025 तक लगातार बढ़ रही है. महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है. युवाओं की संख्या ज्यादा है, यह यंगेस्ट स्टेट है, राज्य को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में कैसे सुविधा दी जा सकती है, इसके लिए सरकार का एक स्पष्ट विजन इस बजट में देखने को मिला है. बजट में कही गई बातों पर अमल किया जाता है तो राज्य एक नई प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा. वर्तमान में 5 साल में जीडीपी दोगुना करने की बात कही गई है. जीडीपी 2047 तक 6 गुना बढ़ाये जाने का लक्ष्य रखा गया है और उसी को ध्यान में रखते हुए बजट प्रस्तुत किया गया है.

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