छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य शासन के निजी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराने के आदेश को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले से निजी स्कूल संचालकों, पालकों और विद्यार्थियों को राहत मिली है।
कोर्ट ने कहा कि अनुदान प्राप्त अशासकीय और अन्य निजी स्कूलों में इस तरह की केंद्रीकृत परीक्षा प्रणाली लागू नहीं होगी। यानी अब ये स्कूल अपने होम एग्जाम ही लेंगे।
सरकार का आदेश और स्कूलों का विरोध
विभाग ने बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों में 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था। इसका विरोध करते हुए निजी स्कूल संघ और अभिभावक संघ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
निजी स्कूलों का कहना था कि वे पहले से ही सीजी समग्र एवं मूल्यांकन पैटर्न पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं और अब बोर्ड परीक्षा लागू करना अनुचित है। इस तरह प्रदेशभर से फैसले का विरोध शुरू हो गया।
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए सरकार से जवाब मांगा था कि अन्य राज्यों में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है।
अब आगे क्या
निजी स्कूलों में 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी, स्कूल अपने स्तर पर होम एग्जाम लेंगे। सरकार को अगले शैक्षणिक सत्र के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने होंगे।
शासन के फैसले के बाद निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर जांच हो सकती है। अगली बार से सभी सीजी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
हिंदी विषय के साथ दसवीं की परीक्षा प्रारंभ
इस बीच, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं बोर्ड की परीक्षा सोमवार को हिन्दी विषय के पर्चे के साथ प्रारंभ हो गई। परीक्षा के लिए जिले में दसवीं के 14 हजार 599 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।