सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अजब स्थिति सामने आई, जब दो वकीलों के आपसी झगड़े की सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता ने खुदकुशी की धमकी दे डाली. जस्टिस अभय एस ओका की पीठ के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए वकील ने अपनी दलीलें रखते हुए यह धमकी दी. जस्टिस ओका ने पहले तो हैरानी जताई, फिर सख्त रुख अपनाते हुए वकील को चेतावनी दी.
जस्टिस ओका ने वकील से कहा कि हम आपको चेतावनी दे रहे हैं. अगर आप कोर्ट को धमकाते हैं तो हम आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देंगे. हम बार के मेंबर की ओर से इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं करेंगे.
परिणाम भुगतने को तैयार रहें: एससी
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में वकील ने धमकी दी कि यदि एक आपराधिक मामले में उसकी याचिका स्वीकार नहीं की गयी तो वह आत्महत्या कर लेगा. इस पर न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने वकील से कहा कि वह सात मार्च तक लिखित माफीनामा दाखिल करें वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहें.
बिना शर्त माफी मांगने का आदेश
पीठ ने सुनवाई सात मार्च को निर्धारित करते हुए कहा कि सोमवार सुबह जब याचिका (रमेश कुमारन और अन्य बनाम पुलिस निरीक्षक और अन्य के माध्यम से राज्य) सुनवाई के लिए आई. प्रथम याचिकाकर्ता (रमेश कुमारन), जो बार के सदस्य हैं, वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए और कहा कि यदि प्रतिवादी संख्या 2 के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी जाती है तो वे आत्महत्या कर लेंगे. हम यह सुनकर स्तब्ध हैं. हम उनसे बिना शर्त माफ़ी मांगने की उम्मीद करते हैं.
जब वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए वकील ने बयान दिया, तो जस्टिस ओका ने कहा कि आप अदालत को कैसे धमकी दे सकते हैं कि अगर हम आपकी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे? आप एक वकील हैं. हम बार काउंसिल से आपका लाइसेंस निलंबित करने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहेंगे.
7 मार्च को होगी सुनवाई
इसके बाद वकील ने अपना वीडिया कान्फ्रेंस लिंक कथित तौर पर बंद कर दिया. पीठ ने कहा कि अब वह चले गए हैं. पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट कक्ष में मौजूद उनके वकील से उनके आचरण के लिए माफी मांगने को कहा. जब मामला फिर से सुनवाई के लिए आया, तो वकील वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए और कहा कि मैं दिल से माफ़ी मांगता हूं. मैं भावुक हो गया था. हालांकि, जस्टिस ओका ने कहा कि नहीं, हम शुक्रवार (7 मार्च) तक लिखित माफी चाहते हैं.
हालांकि पीठ ने कहा कि वह वकील को माफी मांगने के लिए मजबूर नहीं कर रही है, लेकिन उसने उसे अनुपालन नहीं करने की स्थिति में होने वाले परिणामों को लेकर आगाह किया. कुमारन ने राघवेंद्रन नामक व्यक्ति के खिलाफ एक आपराधिक मामले के सिलसिले में अदालत का रुख किया था. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थीं.