‘मेेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’, औरंगजेब विवाद पर अबू आजमी ने दी सफाई

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी (Abu Asim Azmi) के द्वारा औरंगजेब पर दिए गए बयान के बाद से सियासत गर्म है. औरंगजेब पर बयानबाजी को लेकर उन पर पलटवार किए जा रहे हैं. इस बीच आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता.

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अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा नहीं हूं. मैं जो कुछ कहा था, वह असल में किन्हीं इतिहासकारों का व्यक्तव्य था. अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं. अबू आजमी ने कहा कि लेकिन प्रशांत कोराटकर और राहुल सोलापुरकर ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के बारे में जो कुछ भी कहा है, उस पर भी ध्यान देना चाहिए.

बता दें कि औरंगजेब पर बयानबाजी को लेकर महाराष्ट्र के ठाणे में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी और उदित राज ने भी औरंगजेब को लेकर बयान दिए हैं. राशिद अल्वी ने कहा है कि औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाए, लेकिन उसने मंदिरों को पैसे भी दिए.

राशिद अल्वी ने कहा कि औरंगजेब बुरे थे या अच्छे थे. इसकी 500 साल के बाद भारत में क्या प्रासंगिकता है. इस मुद्दे पर ही राजनीति हो रही है. क्या BJP ने गुजरात में मंदिर नहीं तुड़वाए? BJP ने मंदिर और मस्जिद दोनों तुड़वाए हैं.

कांग्रेस नेता उदित राज ने अबू आजमी के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा,’मैं अबू आजमी के बयान का समर्थन करता हूं. उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला है. औरंगजेब ने मस्जिद भी तोड़ी थी. राजा लोग एक-दूसरे को प्रताड़ित करते ही थे. बड़े राजा छोटे को प्रताड़ित करते थे. सिर्फ एक राजा को टारगेट करना गलत है. हिन्दुओं में भी क्रूर राजा हुए. सिर्फ औरंगजैब को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है?’

अबू आजमी ने बयान में कही थी ये बात

बता दें कि सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था. उन्होंने कहा था,’मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता. इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है.’

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