जिंदा लाड़ली बहना पोर्टल पर ‘मृत’ घोषित…किस्त बंद होने से हुई परेशान, MP में सिस्टम की गलती का खामियाजा भुगत रही गरीब विधवा

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक गरीब विधवा महिला कविता माली सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गई है. लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर उसे मृत घोषित कर दिया गया, जिसके चलते अगस्त 2024 से उसकी किस्त बंद हो गई. सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बावजूद उसे लाभ नहीं मिला. अब विभाग ने पोर्टल में सुधार का आश्वासन दिया है, लेकिन पिछले छह माह से कविता अपने आप को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में जुटी है.

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दरअसल, बैतूल बाजार निवासी कविता माली के पति अरविंद माली की 27 मार्च 2023 को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी. इसके बाद कविता ने नगर परिषद में समग्र पोर्टल से पति का नाम हटवाने के लिए आवेदन दिया. लेकिन नगर परिषद ने गलती से पति की जगह कविता का नाम ही काट दिया. नतीजतन, लाड़ली बहना पोर्टल पर उसे मृत घोषित कर उसकी मासिक किस्त बंद कर दी गई. अगस्त 2024 तक उसे योजना का लाभ मिलता रहा, लेकिन इसके बाद राशि आनी बंद हो गई.

कविता की आपबीती

कविता ने बताया, “मेरे पति की मृत्यु के बाद से मैं अकेले घर चला रही हूं. मेरा बेटा मानसिक रूप से कमजोर है. अगस्त तक लाड़ली बहना की किस्त मिल रही थी, फिर बंद हो गई. नगर परिषद में पता किया तो कहा गया कि मेरी विधवा पेंशन शुरू कर देंगे, पति का नाम हटवाओ. लेकिन पति की जगह मुझे ही मृत घोषित कर दिया.” उसने कहा, “मैं एक प्राइवेट क्लिनिक में काम करके 3000 रुपये महीने कमाती हूं और विधवा पेंशन के 600 रुपये मिलते हैं. इससे गुजारा नहीं होता. मुझे लाड़ली बहना योजना का लाभ चाहिए.”

CM Helpline भी बेकार

कविता ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत की, लेकिन वहां से जवाब मिला कि एक बार नाम कटने के बाद दोबारा योजना का लाभ नहीं मिल सकता. इधर, नगर परिषद ने अपनी गलती सुधारते हुए कविता का नाम समग्र पोर्टल पर दोबारा जोड़ा और विधवा पेंशन शुरू कर दी. लेकिन ‘लाड़ली बहना योजना’ का लाभ अभी तक बहाल नहीं हुआ. कविता ने कहा, “तीन बार समग्र आईडी में संशोधन हुआ, फिर भी मुझे योजना से बाहर रखा गया.”

विभाग का आश्वासन

नगर परिषद बैतूल बाजार के सीएमओ विजय तिवारी ने कहा, “कविता माली के मामले में हमने महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र लिखा है. जल्द ही उसे लाभ दिलाया जाएगा.”

वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी गौतम ने बताया, “पोर्टल पर कविता को मृत घोषित करने की त्रुटि नगर परिषद की है. हमने भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है. पोर्टल भोपाल स्तर से संचालित होता है, इसे सुधारने का प्रयास जारी है.”

सिस्टम की लापरवाही

मुख्यमंत्री मोहन यादव लाड़ली बहनाओं को समय पर किस्त देने का दावा करते हैं, लेकिन सिस्टम की इस लापरवाही ने कविता जैसी गरीब महिला को परेशान कर दिया. छह माह से वह अपने हक के लिए भटक रही है. यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक चूक को उजागर करता है, बल्कि गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं की जटिलताओं पर भी सवाल उठाता है.

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