सीधी: जिले के रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत ग्राम अगडाल में वन विभाग की टीम ने 57 आदिवासी परिवारों की झोपड़ियां गिरा दीं, जिससे वे चार महीने से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. इस कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को सभी पीड़ित जिला पंचायत पहुंचे और अपर कलेक्टर अंशुमन राज को आवेदन देकर न्याय की मांग की.
रमेश कोल, जो प्रभावित परिवारों में से एक हैं, ने बताया कि वे करीब 40 वर्षों से वहां झोपड़ियां बनाकर रह रहे थे. लेकिन वन विभाग ने अचानक आकर उनके घर गिरा दिए और कहा कि यह जमीन उनकी है, इसलिए वे यहां नहीं रह सकते. प्रभावितों ने तहसीलदार और एसडीएम से भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
मजबूर होकर सभी 57 आदिवासी परिवार जिला पंचायत पहुंचे और अपर कलेक्टर से अपने रहने के लिए जमीन देने की मांग की. उन्होंने कहा कि अब उनके पास न घर है, न सिर छुपाने की जगह.
इस मामले पर अपर कलेक्टर अंशुमन राज ने कहा कि आवेदन मिलते ही संबंधित अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की योजना के तहत सभी को घर बनाने के लिए जमीन और पक्के मकान की सुविधा दी जाएगी. यदि इन आदिवासी परिवारों के पास जमीन नहीं है, तो सरकार जल्द ही उनके लिए उचित व्यवस्था करेगी.
इस घटना ने एक बार फिर से गरीब और आदिवासी समुदायों के भूमि अधिकारों और उनके पुनर्वास को लेकर प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा कर दिया है.