12 जुलाई 2022 का दिन था. मध्य प्रदेश के रीवा में एक बहू ने अपनी ही सास पर हंसिये से हमला कर दिया. वो उन्हें तब तक मारती रही जब तक कि सास ने दम नहीं तोड़ दिया. बहू ने सास पर हंसिये से 95 से भी ज्यादा बार वार किए. दो साल बाद अब कोर्ट ने बहू को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है.
अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता विकास द्विवेदी ने इसकी जानकारी दी. बताया कि 50 साल की सरोज कोल मनगवां थाना इलाके के अंतरैला प्लांट गांव में अपने बेटे और बहू के साथ रहती थीं. सास-बहू की आपस में बनती नहीं थी. बहू कंचन कोल अपनी सास से इतनी नफरत करने लगी थी कि उन्हें एक दिन जान से ही मार डाला. 12 जुलाई 2022 को रोज की तरह सास-बहू में किसी बात को लेकर बहस हुई.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बहस इतनी बढ़ी कि कंचन कोल गुस्से में किचन के अंदर गई. वहां से हंसिया उठाकर ले आई. फिर सास पर हंसिये से ताबड़तोड़ कई वार कर दिए. कंचन के सिर पर उस समय इस कदर खून सवार था कि उसने सास पर हंसिये से 95 से भी ज्यादा बार हमला किया. वो तब तक उनपर वार करती रही जब तक पूरा फर्श खून से तरबतर नहीं हो गया. फिर वहीं बैठ गई. उस समय सरोज का बेटा बाहर गया हुआ था. जैसे ही बेटा वाल्मीकि कोल घर आया तो मां को फर्श पर खून से लथपथ हालत में पड़ा देख उसकी चीख निकल गई. उसने ये भी चेक नहीं किया कि मां की मौत हो चुकी है.
सबूतों के आभाव में बेटा बरी
वो तुरंत उन्हें लेकर संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल पहुंचा. लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि इनकी मौत को पहले ही हो चुकी है. बेटे ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने उस समय तो आरोपी बहू के साथ-साथ बेटे को भी आरोपी बनाया. लेकिन सबूतों के अभाव में वाल्मीकि बरी हो गया. तीन दशक बाद रीवा की अदालत में ऐसा बड़ा फैसला आया है. इससे पहले एक नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में शख्स और जेल प्रहरी को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया गया था.