महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबू आसिम आजमी के बेटे अबू फरहान आजमी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ नार्थ गोवा पुलिस ने पब्लिक प्लेस पर झगड़ा करने और शांति भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब विधायक अबू आजमी स्वयं महाराष्ट्र में मुगल सम्राट औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले अपने बयान को लेकर एफआईआर और आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं.
गोवा पुलिस के अनुसार, सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को कैंडोलिम नार्थ गोवा में एक सुपरमार्केट के पास झगड़े की सूचना मिली. इस दौरान अबू फरहान आजमी ने स्थानीय लड़कों को बताया कि वह वैध लाइसेंसधारी हथियार लेकर चल रहा है. पुलिस के पहुंचने पर दोनों ग्रुप्स को कालनगुट पुलिस स्टेशन लाया गया. लेकिन दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया. उनका मेडिकल चेकअप करवाने पुलिस दोनों पक्षो को जिला अस्पताल मापुसा ले जाना चाह रही थी लेकिन दोनों पक्ष नहीं गए.
पुलिस ने दर्ज किया केस
अबू फरहान आजमी ने वैध गन लाइसेंस और गोवा में हथियार ले जाने की अनुमति पुलिस को पेश की. कालनगुट पुलिस ने मंगलवार सुबह सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए. सार्वजनिक स्थान पर झगड़ा करने, शांति भंग करने और विवाद करने के कारण, पुलिस उप निरीक्षक परेश सिनारी ने संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की. अबू फरहान आजमी, ज़िऑन फर्नांडीस, जोसेफ फर्नांडीस, श्याम और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 160 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों पर केस दर्ज किया है.
औरंगजेब की प्रशंसा करके मुश्किल में अबू आजमी
वहीं मुम्बई में फरहान के पिता विधायक अबू आजमी ने सोमवार को ही औरंगजेब को लेकर बयान दिया था. उन्होंने अपने बयान में औरंगजेब को क्रूर शासक मानने से इनकार किया. सपा नेता ने कहा कि उनके शासनकाल में भारत “सोने की चिड़िया” था और उन्होंने कई मंदिरों का निर्माण कराया था. इस बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद बढ़ गया है, और शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हास्के ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी में औरंगजेब की आत्मा घुस गई है.
अबू आजमी के बयान के बाद, शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता किरण पावसकर ने मुंबई में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई है. यह मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा मेंभीउठायागया.