औरंगजेब पर विवादित बयान के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन सस्पेंशन के बाद भी यह मामला शांत नहीं हुआ और अब समाजवादी पार्टी अब इतिहास के पन्ने पलटने लगी है.
इस पूरे मामले पर अब सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा है कि औरंगजेब ने मथुरा-वृंदावन के मंदिरों को जागीर और सालाना वजीफा दिया. उन्होंने कहा कि इतिहासकार प्रोफेसर बी एन पांडे लिखते हैं कि प्रयाग-काशी-मथुरा में उसने 200 मंदिरों और ब्राह्मण पुजारियों को जमीनें दान की थी. राजा-रजवाड़ों को दक्षिण तोला अपना आदर्श मानती होगी. हम यहां सिर्फ इतिहासकार की बात कर रहे हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
औरंगजेब पर विवाद के बाद अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया. उन्हें मौजूदा सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र सराकर में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा सत्र से अबू आजमी को सस्पेंड करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आजमी को विधायकी से हटाना चाहिए ना कि सिर्फ एक सत्र के लिए उन्हें सस्पेंड करना चाहिए. छत्रपति शिवाजी पूजनीय हैं और उनका अपमान करने वालों को हम आसानी से जाने नहीं दे सकते.
औरंगजेब ने मथुरा-वृंदावन के मंदिरों को जागीर और सालाना वजीफा दिया, इतिहासकार प्रोफ बी एन पांडे लिखते है की प्रयाग- काशी -मथुरा मे उसने 200 मंदिरो और ब्राह्मण पुजारियों को ज़मीने दान करी, राजा रजवाड़े को दक्षिण तोला अपना आदर्श मानती होगी हम यहाँ सिर्फ इतिहासकार की बात कर रहे है! pic.twitter.com/RXPjKYrhEy
— Ameeque Jamei अमीक़ जामेई (@ameeque_Jamei) March 5, 2025
हालांकि, चंद्रकांत पाटिल ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक विधायकों को एक सत्र से अधिक समय तक के लिए सस्पेंड नहीं किया जा सकता. हम इसका आकलन करने के लिए समिति का गठन करेंगे कि क्या विधायक के तौर पर आजमी को उनकी सदस्यता से सस्पेंड किया जा सकता है या नहीं?
विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने मांग ली थी माफी
औरंगजेब पर दिए गए बयान के बाद से सियासत गर्माने पर अबू आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता.
अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है.
उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा नहीं हूं. मैं जो कुछ कहा था, वह असल में किन्हीं इतिहासकारों का व्यक्तव्य था. अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं.
बता दें कि औरंगजेब पर बयानबाजी को लेकर महाराष्ट्र के ठाणे में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता. इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है. मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त हो रहा है.