औरंगजेब पर दिए बयान के बाद महाराष्ट्र से सपा विधायक अबू आजमी को विधानसभा द्वारा बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. जिस पर महाराष्ट्र के अलावा यूपी में भी सियासत शुरू हो गई है. वहीं, खुद के निलंबन को लेकर सपा विधायक ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा बजट सत्र के लिए मेरा निलंबन सिर्फ मेरे साथ नहीं बल्कि जिनका मैं प्रतिनिधित्व करता हूं उन लाखों लोगों के साथ नाइंसाफी है. ये मेरे साथ ज्यादती है.
मैं महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहूंगा क्या राज्य में दो तरह के कानून चलते है? अबू आसिम आज़मी के लिए अलग कानून? दूसरी तरफ प्रशांत कोरटकर और राहुल शोलापुरकर के लिए अलग कानून?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने पेश किया था प्रस्ताव
महाराष्ट्र सराकर में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा सत्र से अबू आजमी को सस्पेंड करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आजमी को विधायकी से हटाना चाहिए ना कि सिर्फ एक सत्र के लिए उन्हें सस्पेंड करना चाहिए. छत्रपति शिवाजी पूजनीय हैं और उनका अपमान करने वालों को हम आसानी से जाने नहीं दे सकते.
हालांकि, चंद्रकांत पाटिल ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक विधायकों को एक सत्र से अधिक समय तक के लिए सस्पेंड नहीं किया जा सकता. हम इसका आकलन करने के लिए समिति का गठन करेंगे कि क्या विधायक के तौर पर आजमी को उनकी सदस्यता से सस्पेंड किया जा सकता है या नहीं?
अबू आजमी ने मांग ली थी माफी
औरंगजेब पर दिए गए बयान के बाद से सियासत गर्माने पर अबू आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता. अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है.
मैं जो कुछ कहा था, वह असल में किन्हीं इतिहासकारों का व्यक्तव्य था. अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं.
अबू आजमी ने दिया थे ये बयान
अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता. इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त हो रहा है.