‘NCR में घर खरीदने वालों से फिरौती ली गई’, बिल्डर और बैंक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

NCR क्षेत्र में घर खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने बिल्डर-बैंक गठजोड़ की CBI जांच के संकेत दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि NCR में गरीब घर खरीदने वालों से फिरौती ली गई. बैंकों और बिल्डरों के बीच सांठगांठ की जांच होनी चाहिए. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच ने ये टिप्पणी की.

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या टिप्पणी की?

पीठ ने कहा कि लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई का निवेश किया, लेकिन गरीब घर खरीदारों से फिरौती के लिए मजबूर किया गया. बिल्डरों और बैंकों के बीच गठजोड़ की जांच के लिए SIT का गठन किया जाना चाहिए और यह हमें एक रिपोर्ट देगा.

कोर्ट ने कहा कि हम CBI से मामला दर्ज करने के लिए कहेंगे और हर बैंक को जांच में लाया जाना चाहिए. NCR क्षेत्र में घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि पहले बिल्डर्स की ओर से फ्लैट का कब्जा देने में देरी की गई, बाद में दूसरी तरफ फ्लैट का कब्जा दिए बिना बैंकों उन्हें EMI का भुगतान करने के लिए मजबूर किया.

कोर्ट ने पहले भी लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बिल्डरों को फटकार लगा चुका है. पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लंबित आवासीय परियोजनाओं की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी. इन प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने के लिए खरीदारों ने सब्सिडी स्कीम के तहत लोन लिया था. घर का पजेशन मिलने तक बिल्डरों को लोन की ईएमआई चुकानी होती थी. लेकिन, बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सके और न ही बैंकों को ईएमआई चुकाई. बिल्डरों के डिफॉल्ट पर बैंकों ने घर खरीदारों से वसूली शुरू कर दी. सब्सिडी योजना के तहत, बैंकों ने स्वीकृत राशि सीधे बिल्डरों के खातों में स्थानांतरित कर दी.

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