आपके खिलाफ एक्शन क्यों न लिया जाए… पेंशन योजना लागू न करने पर SC का पंजाब सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा को अवमानना नोटिस जारी किया. यह नोटिस उन्हें राज्य में तीन दशक पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर भेजा गया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने मुख्य सचिव से पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया क्यों शुरू न की जाए. साथ ही ये भी कहा कि कोर्ट को गुमराह नहीं किया जा सकता.

सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट को बार-बार दिए गए आश्वासन के बावजूद राज्य सरकार ने आदेश का अनुपालन नहीं किया है. इसलिए हम पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनसे यह बताने को कह रहे हैं कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना अधिनियम, 1971 (दीवानी और आपराधिक दोनों) के तहत कार्रवाई शुरू की जाए.

24 मार्च को होगी अगली सुनवाई

बेंच ने कहा कि अगर अधिकारी को लगता है कि कोई दूसरा अधिकारी दोषी है, तो वह हलफनामा दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें वह जिम्मेदार अधिकारियों के नाम या अन्य विवरण दें, ताकि कोर्ट कार्रवाई शुरू कर सके. इस मामले पर अगली सुनवाई इसी महीने 24 मार्च को होगी.

कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब

इसके साथ ही बेंच ने पंजाब में सार्वजनिक निर्देश (कॉलेज) के निदेशक के कार्यालय के उप निदेशक सहित अन्य अधिकारियों से भी जवाब मांगा जिन पर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप है. कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा कि झूठा हलफनामा दायर करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. सुनवाई के दौरान पंजाब के वकील गुरमिंदर सिंह ने बेंच को आश्वासन दिया कि अगली तारीख पर वह योजना के कार्यान्वयन के संबंध में कुछ सकारात्मक जानकारी लेकर आएंगे. कोर्ट अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मुख्य सचिव से स्पष्ट शब्दों में जवाब देने को कहा कि क्या राज्य सरकार इस योजना के तहत लाभ देने कीइच्छुक है.

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