बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि वह इस महीने के दौरान ओपेन मार्केट में सरकारी इक्विटीज की खरीद करेगा और कुल मिलाकर करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये प्राइस के अमेरिकी डॉलर/रुपये की अदला-बदली करेगा.
28 फरवरी को केंद्रीय बैंक ने सिस्टम में लॉन्गटर्म लिक्विडिटी लाने के लिए 10 अरब अमेरिकी डॉलर प्राइस की अमेरिकी डॉलर-रुपया अदला-बदली की थी, जिससे ऑक्शन में मजबूत डिमांड पैदा हुई. अब आरबीआई एक बार फिर ओपेन मार्केट के जरिए लिक्विडिटी बढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे डिमांड में और तेजी आ सकती है. साथ ही भारतीय शेयर बाजार में बैंकिंग और एबीएफसी कंपनियों के शेयर भी फोकस में आ सकते हैं.
RBI ने बुधवार को कहा कि वह 12 मार्च और 18 मार्च को 50,000 करोड़ रुपये की दो किस्तों में कुल 1,00,000 करोड़ रुपये अमाउंट के लिए भारत सरकार की इक्विडिटीज की ओएमओ (खुले बाजार परिचालन) खरीद नीलामी आयोजित करेगा. नीलामी दो भागों में 50000-50000 करोड़ रुपये की होगी. इसके अलावा, आरबीआई 24 मार्च 2025 को 36 महीने की अवधि के लिए 10 अरब रुपये के लिए USD/INR खरीद/बिक्री स्वैप ऑक्शन रखेगा.
लिक्विडिटी संकट से गुजर रहे बैंक
भारतीय बैंकिंग सिस्टम इस समय दस सालों में सबसे गंभीर लिक्विडिटी संकट का सामना कर रहा है, जिसमें नवंबर में 1.35 लाख करोड़ रुपये के सरप्लस से दिसंबर में 0.65 लाख करोड़ रुपये के घाटे में सिस्टम की लिक्विडिटी चेंज हो रही है. यह घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो जनवरी में 2.07 लाख करोड़ रुपये और फरवरी में 1.59 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
इन शेयरों में आ सकती है तेजी
शेयर बाजार में बुधवार को तेजी देखने को मिली है. इस बीच कई शेयर अच्छे उछाल पर बंद हुए. मार्केट बंद होने के बाद आरबीआई की ओर से आई ये खबर मार्केट के लिए पॉजिटिव संकेत दे रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि बैंक और एनबीएफसी कंपनियों के शेयर गुरुवार को भी फोकस में रह सकते हैं.