जनजातीय संघर्ष को झेल रहे राज्य मणिपुर में अवैध रूप से लूटे गए हथियारों को सौंपने का आज आखिरी दिन है. इसी बीच 5 मार्च को चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों से 32 और हथियार और गोला-बारूद को पुलिस को सौंपा गया. अधिकारियों के मुताबिक, इंफाल के पूर्वी जिले में कमांडो यूनिट, लामलाई, पोरोमपट और हिंगांग पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ 7वीं मणिपुर राइफल्स बटालियन यूनिट में हथियार और गोला-बारूद ज्यादा संख्या में जमा किया गया.
पुलिस अधीक्षक चुराचांदपुर ऑफिस और कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में भी 32 हथियार जमा किए गए. मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने मणिपुर क्षेत्र के लोगों की ओर से मांगे गए अतिरिक्त समय के बाद लूटे गए अवैध हथियारों के आत्मसमर्पण करने की समय सीमा को 6 मार्च तक बढ़ा दिया.
सजा नहीं देने का आश्वासन
यहां हथियार सौंपने के बाद किसी तरह की कार्यवाही न होने का प्रशासन ने आश्वासन दिया था. इस अवधि के भीतर अपने हथियार आत्मसमर्पण करने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्रशासन की ओर से अपील की गई थी. साथ ही कहा गया कि लोगों के लिए शांति, सांप्रदायिक सद्भाव, हमारे युवाओं के भविष्य और हमारे समाज की सुरक्षा में योगदान करने को अंतिम मौका है.
राज्यपाल ने 20 फरवरी को संघर्षों में शामिल समूहों से हथियारों को सौंपने के लिए आग्रह किया था. उस समय उन्होंने 7 दिन के अंदर खुद की इच्छा से सरेंडर करने की बात कही थी. मई 2023 से मणिपुर के दो अहम जनजातीय समूह मैतेईस और कुकी-ज़ो के बीच जातीय हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे. साथ ही हज़ारों लोगों को अपने घर से दूर जाना पड़ा.