मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से एक मरीज का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इसमें एक 27 वर्षीय व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल के प्रशासन पर आरोप लगाया कि बकाया न चुकाने के चलते उसे बंधक बना लिया गया था. अस्पताल वालों ने उसकी हालत पर भी तरस न खाया. उल्टा उसके परिवार को परेशान कर रहे थे कि पैसा लाओ. मरीज किसी तरह वहां से भाग निकला और बाहर आकर अस्पताल की सच्चाई बताई. इस पर अब अस्पताल की सफाई भी सामने आई है.
साथ ही अस्पताल प्रशासन ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है. यह घटना तब सामने आई जब मरीज, जिसका नाम बंटी निनामा बताया जा रहा है, बुधवार को जीडी अस्पताल के आईसीयू से कथित रूप से भाग निकला. सोशल मीडिया पर उसका वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने अस्पताल वालों के व्यवहार के बारे में सबको चीख-चीखकर बताया था.
युवक ने आरोप लगाया कि अस्पताल के अधिकारियों ने उसकी पत्नी से कहा कि उसकी हालत गंभीर है और उसके इलाज के लिए महंगी दवाओं की जरूरत है. निनामा ने कहा, ‘मैंने स्टाफ से अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने मुझे बिस्तर से बांध दिया और मुझे अपने परिवार से मिलने नहीं दिया. किसी तरह मैं भागने में सफल रहा और बाहर आ गया.’
मरीज के आरोपों को खारिज किया
अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार को जारी एक बयान में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि निनामा अस्पताल को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. बयान में कहा गया कि निनामा को रविवार को अपने पड़ोसियों के साथ झगड़े में लगी चोटों के कारण सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. एक दिन बाद, उसे जीडी अस्पताल लाया गया.
मरीज ने हंगामा करना शुरू कर दिया
बुधवार को, निनामा को होश आया और उसने अस्पताल के स्टाफ से अपने परिवार के बारे में पूछना शुरू किया. साथ ही यह भी कहा, ‘मरीज ने हंगामा करना शुरू कर दिया और स्टाफ पर हमला किया और आईसीयू स्टाफ को जान से मारने की धमकी देने लगा. उसने आईसीयू छोड़ दिया और वीडियो बनाकर अस्पताल को बदनाम किया.’ अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने निनामा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.