मैहर जिले के मनकीसर धान खरीदी केंद्र में एक बड़ी घोटाले की घटना सामने आई है, जिसमें लगभग एक करोड़ रुपये की धान गायब होने का मामला सामने आया है. इस ई-उपार्जन केंद्र से करीब 4,000 क्विंटल धान कम पाए जाने के बाद, मामले में गंभीरता को देखते हुए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच शुरू कर दी है और कई जिलों में छापेमारी अभियान चलाया है.
शुक्रवार को, मैहर के विभिन्न वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों में छापेमारी और जांच की कार्रवाई की गई. इस दौरान अधिकारियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग की पूर्व रिपोर्ट का हवाला देते हुए मामले की गहराई से जांच की. विभाग ने पहले ही अपनी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंप दी थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया और अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया.
इस कार्रवाई के तहत, भदनपुर स्थित पारस वेयरहाउस में भी EOW की टीम ने छापेमारी की, जहां धान की भारी कमी की शिकायतें पहले ही मिल चुकी थीं. इस जांच के दौरान, टीम ने उस वेयरहाउस में मौजूद रिकॉर्ड और स्टॉक की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया. शुरुआती जांच में यह सामने आया कि पारस वेयरहाउस के अलावा जिले के अन्य वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों में भी धान की कमी की शिकायतें हैं.
EOW की टीम अब जिले के सभी संबंधित केंद्रों की जांच करने में जुटी हुई है. हालांकि, अब तक अधिकारियों ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि EOW की जांच में कुछ बड़ा खुलासा हो सकता है.रीवा और इंदौर के SP EOW ने मीडिया से कहा है कि इस मामले में जल्द ही पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना खाद्य आपूर्ति व्यवस्था में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का संकेत देती है. यह मामला और उसकी जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन और किसानों का भरोसा प्रभावित हुआ है, जिनकी उपज का सही तरीके से मूल्यांकन और भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए.