संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 10 मार्च यानी सोमवार से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश करेगी. बजट सत्र के दूसरे चरण में, सरकार का मुख्य उद्देश्य वित्त विधेयक 2025 को पारित कराना है. इसके अलावा बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार कुल 3 दर्जन विधेयकों को पारित कराना चाहती है. इनमें से 26 विधेयक राज्यसभा में और 9 विधेयक लोकसभा में लंबित हैं. सरकार के एजेंडा में कई और महत्वपूर्ण बिल है जिसे वो संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में ही पास करवाना चाहेगी.
इसमें सबसे अहम वित्त विधेयक है जो कि केंद्रीय बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.इसमें टैक्स और वित्तीय प्रस्ताव शामिल होते हैं. संसद की मंजूरी के बाद ही ये प्रावधान लागू होते हैं. आम तौर पर, बजट सत्र के दूसरे चरण में वित्त विधेयक पर चर्चा होती है और इसे पारित किया जाता है. बजट सत्र 2025 का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर से 4 अप्रैल तक चलेगा.
न्यू इनकम टैक्स बिल 2025
मोदी सरकार ने वर्तमान आयकर कानून को आसान और आम आदमी के समझने लायक बनाने के उद्देश्य से नया आयकर विधेयक पेश किया था. यह विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया था. उसके बाद यह विधेयक संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास समीक्षा के लिए भेजा गया है. सेलेक्ट कमेटी इस बिल पर कई दौर की बैठक कर चुका है. संभावना ये है कि बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान समिति ये रिपोर्ट सौंप सकती है और सरकार इस विधेयक को चर्चा करने के बाद पारित कराने का प्रयास करेगी.
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024
ये बिल 14 संशोधनों के साथ सदन से सरकार के पास वापस आया और कैबिनेट ने संशोधनों को मंजूरी भी दे दी हैं. बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार इसको पास कराने का प्रयास करेगी. सरकार का दावा है कि इस बिल के जरिए उनका मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाना है. वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को बजट सत्र के दूसरे चरण में पारित कराना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाना है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के दावों की जांच और बोर्ड में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी शामिल है. हालांकि सरकार के दावों से उलट ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है, इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए विरोध किया है. इंडिया गठबंधन ने दावा किया है कि वे इस विधेयक को संसद में पारित नहीं होने देंगे.
वक्फ (संशोधन) विधेयक को पास कराना कठिन हो सकता है
इन परिस्थितियों को देखते हुए, बजट सत्र के दूसरे चरण में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पारित कराना सरकार के लिए कठिन हो सकता है, क्योंकि इसके लिए व्यापक राजनीतिक सहमति आवश्यक होगी.
इसके अलावा, सरकार बजट सत्र के इस चरण में लंबित पड़े अन्य 35 विधेयकों को पारित कराने का भी प्रयास करेगी. इनमें बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2022 और जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 शामिल हैं, जिन्हें पिछले शीतकालीन सत्र में एक संयुक्त समिति को भेजा गया था और वर्तमान में पैनल की जांच के अधीन हैं.
टैरिफ हटाने को लेकर बढ़े दबाव को मुद्दा बनाने की तैयारी में विपक्ष
बजट सत्र के इस दूसरे पार्ट में विपक्षी दल अमेरिका द्वारा टैरिफ हटाने को लेकर बढ़े दबाव को भी मुद्दा बनाए जाने की संभावना है. साथ ही डीएमके समेत दक्षिण भारत की कुछ पार्टियां जनसंख्या को आधार बनाकर परिसीमन और शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 भाषा के इस्तेमाल के मुद्दे पर भी आक्रामक रह सकती हैं.