महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के चीफ राज ठाकरे ने महाकुंभ में स्नान करने वालों को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गंगा का पानी गंदा. मैं कभी ये पानी नहीं छूऊंगा. अपनी पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर पिंपरी चिंचवड़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकलना चाहिए.
मनसे चीफ ने कहा कि हाल में मुंबई की सभा में कुछ पदाधिकारी अनुपस्थित थे. उन अनुपस्थित पदाधिकारियों की जांच की गई. उनमें से कुछ ने कारण बताया कि वे कुंभ मेले में गए थे. मैंने उनसे कहा कि इतने पाप क्यों करते हो कि उन्हें धोने के लिए गंगा में जाना पड़ता है?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इतने लोगों के स्नान करने के बाद गंगा कैसे स्वच्छ रहेगी?
मेरा कहना है कि इतने लोगों के स्नान करने के बाद गंगा कैसे स्वच्छ रहेगी? ऐसा पानी कौन पिएगा? मैं श्रद्धा समझ सकता हूं, लेकिन इस देश में एक भी नदी स्वच्छ नहीं है. हम नदी को माता कहते हैं, लेकिन उसे स्वच्छ नहीं रखते. राजीव गांधी के समय से गंगा साफ होगी, ऐसा सुनते आ रहे हैं, लेकिन आगे क्या हुआ? मेरे महाराष्ट्र सैनिकों को अंधविश्वास से बाहर आना चाहिए.
महाकुंभ में 66 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
तीर्थराज प्रयाग में 144 साल बाद लगने वाले इस महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है. यह संख्या देश की लगभग आधी आबादी है. महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी. 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि को अंतिम अमृत स्नान था. इस दिन करीब 1.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया. महाकुंभ में 50 से अधिक देशों से श्रद्धालु आए थे.