Madhya Pradesh: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का खितौली जोन हमेशा से वन्यजीव प्रेमियों के लिए खास रहा है, लेकिन रविवार की सुबह यहां पहुंचे पर्यटकों के लिए बेहद यादगार बन गई, जैसे ही पटपरहा क्षेत्र में बाघिन रॉ जंगल से निकलकर वन मार्ग पर आई, सफारी की सभी जिप्सियां थम गईं, कुछ पल के लिए पूरा जंगल जैसे ठहर गया.
करीब सात साल की बाघिन रॉ, जो इस क्षेत्र की प्रमुख बाघिन मानी जाती है, अपने शाही अंदाज में रास्ते से गुजरते हुए दूसरी ओर चली गई। पर्यटकों की सांसें थम गईं, कैमरे क्लिक होने लगे, और रोमांच अपने चरम पर पहुंच गया। कोई बाघिन की चालाक नजरों को निहार रहा था, तो कोई उसकी मांसल काया और ताकत को देखकर अचंभित था.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 165 से अधिक बाघ और बाघिन निवास करते हैं। यह रिजर्व नौ अलग-अलग परिक्षेत्रों में बंटा हुआ है, जहां हर बाघ ने अपनी एक निश्चित टेरिटरी बना रखी है, खितौली जोन की बाघिन रॉ अक्सर पर्यटकों को दिखाई देती है, लेकिन हर मुलाकात इतनी करीब से हो, यह सौभाग्य की बात होती है.
रविवार की सुबह जंगल सफारी के दौरान जब बाघिन रॉ अचानक प्रकट हुई, तो पर्यटकों में उत्साह और रोमांच चरम पर था, गाइड्स ने सभी को शांत रहने का इशारा किया, ताकि बाघिन सहज महसूस करे। कुछ मिनटों तक बाघिन सड़क पर इत्मीनान से टहलती रही और फिर जंगल में ओझल हो गई.
प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगल और दुर्लभ वन्यजीवों से भरपूर बांधवगढ़ का यह अनुभव उन सभी पर्यटकों के लिए यादगार बन गया, जिन्होंने बाघिन रॉ को इतने करीब से देखने का रोमांच महसूस किया.