उत्तर प्रदेश के आगरा पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक सब इंस्पेक्टर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है. जालौन में उरई के रहने वाले दरोगा छुट्टी लेकर घर आए थे और इसके बाद वह लापता हो गए. आठ दिन बाद रविवार को उनका शव कालपी के पास यमुना में मिला है. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दरोगा की पहचान कराने के बाद पोस्टमार्टम कराया है. पुलिस के मुताबिक मामला गुमशुदगी का है. हैरानी की बात है कि दरोगा ने ऐसा क्यों किया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जालौन पुलिस के मुताबिक दरोगा की पहचान उरई कोतवाली क्षेत्र के राजेंद्र नगर में रहने वाले दरोगा जीतेंद्र के रूप में हुई है. वह इन दिनों आगरा पुलिस कमिश्नरेट की रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात थे. आठ दिन पहले वह आगरा से छुट्टी पर घर आए थे. जीतेंद्र के भाई सुनील ने बताया कि घर आने के बाद उन्होंने बैग रखा और दोस्त से मिलने स्टेडियम जाने की कह कर निकले थे. उसके बाद से ही वह लापता हो गए. सुनील ने बताया कि शाम को जब उनके पिता टहलने के लिए स्टेडियम गए तो वहां उन्हें जीतेंद्र नहीं दिखे.
स्टेडियम जाने की कह कर निकले थे दरोगा
ऐसे में उन्होंने जीतेंद्र को फोन किया तो उन्होंने दोस्त के साथ होने की बात कही और थोड़ी देर बाद बाद फोन बंद हो गया. देर रात तक जब वह वापस नहीं लौटे तो उनके दोस्त से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह तो 15 दिनों से जीतेंद्र से मिला ही नहीं. अनहोनी की आशंका होने पर उसी समय पुलिस में शिकायत दी गई. इसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसी बीच रविवार की सुबह कालपी कोतवाली क्षेत्र के रायढ दियारा के पास लक्ष्मण दास की कुटिया के पास रहने वालों ने पुलिस को एक शव मिलने की सूचना दी.
पुलिस ने कराया शव का पोस्टमार्टम
इस सूचना पर पुलिस पहुंची तो शरीर पर ऊपर का हिस्सा गायब था. नीचे के हिस्से में लोवर था. इसमें उनका फोन, पर्स और पैनकार्ड मिला. इससे पहचान उनकी पहचान हुई. सुनील ने बताया कि उनके भाई के दिमाग में क्या चल रहा था और उसने क्यों सुसाइड किया, इसकी जानकारी नहीं है. सीओ उरई अर्चना सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.