आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने भारत का पासपोर्ट सरेंडर कर एक छोटे से देश वानुआतु की नागरिकता ले ली थी. लेकिन अब वानुआतु के प्रधानमंत्री ने ललित मोदी को झटका दे दिया है.
वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग से ललित मोदी का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द करने को कहा है. पीएम ने कहा कि मैंने नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि वह ललित मोदी का वानुआतु पासपोर्ट तुरंत रद्द कर दे.
मुझे बीते 24 घंटे में यह जानकारी मिली कि इंटरपोल ने ललित मोदी को लेकर भारत सरकार की ओर से भेजे गए अलर्ट नोटिस को न्यायिक साक्ष्य के अभाव में दो बार खारिज किया था. उन्होंने कहा कि वनुआतु का पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है ना कि कोई अधिकार. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को वैध कारणों से ही नागरिकता लेनी चाहिए.
बता दें कि ललित मोदी ने सात मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था. बाद में विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टी की थी कि ललित मोदी ने अपना पासपोर्ट जमा कर दिया है.
Vanuatu Prime Minister Jotham Napat directs the Citizenship Commission to cancel the Vanuatu passport issued to Lalit Modi. pic.twitter.com/Ogqgqv5JZj
— Press Trust of India (@PTI_News) March 10, 2025
कहां है वानुआतु?
वानुआतु दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है. यहां की अर्थव्यवस्था खास तौर पर खेती, टूरिज्म, मछली पकड़ने और विदेशी वित्तीय सेवाओं पर आधारित है. वानुआतु में निवेश आधारित नागरिकता है यानी निवेश कर यहां की नागरिकता हासिल की जा सकती है. पासपोर्ट की बिक्री यहां की सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक वानुआतु का पासपोर्ट 113 देशों में बिना वीजा के प्रवेश की अनुमति देता है. हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, वानुआतु का पासपोर्ट दुनिया में 51वें नंबर पर है (199 देशों में से), जो सऊदी अरब (57), चीन (59) और इंडोनेशिया (64) से ऊपर है. भारत 80वें स्थान पर है.
एक और दिलचस्प बात ये है कि वानुआतु एक टैक्स हेवेन है, जहां आपको ना तो इनकम, संपत्ति या किसी तरह का कार्पोरेट टैक्स ही लगता है. पिछले दो सालों में 30 अमीर भारतीयों ने यहां की नागरिकता हासिल की है,और यहां नागरिकता लेने वालों में चीन के लोग सबसे आगे हैं.
ललित मोदी 2010 में भाग गए थे ब्रिटेन
आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी 15 साल पहले भारत से ब्रिटेन भाग गए थे. भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है, और कानूनी लड़ाई भी चल रही है लेकिन अब उन्होंने भारत की नागरिकता त्यागने का फैसला किया है, और जिस देश वानुआतु की नागरिकता उन्होंने ली है, वहां की आबादी पुडुचेरी से भी कम है, जिससे मामले में एक फ्रेश ट्विस्ट आया है. हालांकि, वह अपने ऊपर लगे तमाम मनी लान्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोपों को खारिज करते हैं.