मिर्ज़ापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के अंतिम छोर पर स्थित मध्य प्रदेश की सीमा से लगने वाले ड्रमंडगंज वन रेंज के महोगढ़ी गांव में हिंसक जानवर के आने की आहट से ग्रामीण सहमे हुए हैं. ग्रामीणों के मुताबिक चीते के शक्ल का हिंसक जानवर एक बकरी को निवाला बना चुका है.
बकरी को निवाला बनाने के बाद वह जंगल की ओर भाग गया. ग्रामीणों के मुताबिक रविवार की रात एक घर के अहाते में बंधी बकरियों पर हिंसक जंगली जानवर ने हमला कर दिया. जंगली जानवर के हमले में एक बकरी की मौत हो गई और एक बकरी गंभीर रूप से घायल हो गई है.
बताया जा रहा है कि ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के महोगढ़ी गांव निवासी पशुपालक दुइजी देवी अपने घर के अहाते में बकरियों को बांधी हुई थी, देर रात घर में घुसे किसी जंगली जानवर ने हमला कर एक बकरी को मौत के घाट उतार दिया और एक बकरी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. बकरियों के मिमियाने की आवाज सुनकर पशुपालक दुइजी देवी की नींद खुली तो टार्च जलाकर देखा तो चीता जैसा जानवर बकरी को दबोचे हुए था.
पशुपालक के शोर मचाने और टार्च की रोशनी को देखकर जंगली जानवर छलांग लगाते हुए जंगल की ओर भाग निकला. पशुपालक ने बताया कि देर रात घर के अहाते में बंधी बकरियों के लगातार मिमियाने की आवाज सुनकर नींद खुली तो लाठी टार्च लेकर बकरियों की तरफ जाने लगी, जैसे ही टार्च जलाकर देखा तो चीता जैसा जानवर बकरी को मुंह में दबोचे हुए था. टार्च की रोशनी देखते ही जानवर छलांग लगाते हुए पहाड़ की ओर भाग निकला.
पशुपालक के परिवार के रवि और संतोष कुमार ने भी बकरियों पर हमला करने वाले जंगली जानवर को देखा था जिसे उन्होंने चीता जैसा जानवर ही बताया है. पशुपालक ने बताया कि बकरी की मौत की सूचना वन विभाग के ड्रमंडगंज रेंज कार्यालय पर जाकर सूचना दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
मजे की बात तो यह है कि सोमवार को दोपहर तक वन विभाग की टीम मौके पर गांव में नही पहुंच पाई थी. पशुपालक ने बताया कि उन्होंने भी चीता जैसे जानवर को घर से दक्षिण दिशा की तरफ भागते हुए देखा. जंगली जानवर के बकरियों पर हमला करने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. दूसरी ओर इस संबंध में ड्रमंडगंज वन रेंजर वीरेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि चीता विलुप्त प्राय जानवर है, इनकी संख्या बहुत कम है.
इस क्षेत्र में चीता नहीं पाए जाते हैं. संभवतः बकरियों पर लकड़बग्घा ने हमला किया होगा जिसे ग्रामीण चीता समझ लिए होंगे. ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग की टीम को भेजकर निगरानी की जाएगी. बताते चलें कि इसके पूर्व भी तेंदूए के खौंफ से ग्रामीण जहां सहमें हुए थे वहीं तेंदूआ बकरी सहित एक मवेशी के बच्चे को अपना निवाला बना चुका है. मिर्ज़ापुर जनपद का हलिया और ड्रमंडगंज वन रेंज मध्यप्रदेश की सीमा और मध्य प्रदेश के जंगलों पहाड़ों से लगा हुआ है जहां कई वन्य जीव पाएं जाते हैं.