रीवा : संजय गांधी अस्पताल के एक्स-रे रूम में युवक से मारपीट, चार कर्मचारी निलंबित रीवा के संजय गांधी अस्पताल के एक्स-रे रूम में एक युवक को बंधक बनाकर मारपीट करने के मामले में अस्पताल प्रबंधन बचाव की मुद्रा में आ गया है. जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई स्पष्ट बयान देने से बच रहे हैं। घटना के अगले दिन चार कर्मचारियों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि, 24 घंटे बीतने के बावजूद जांच कमेटी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है.
जानिए क्या है पूरा मामला
सीधी जिले के बघवार निवासी देवेंद्र शुक्ला अपनी मां के इलाज के लिए 8 मार्च को संजय गांधी अस्पताल पहुंचे थे. जब वे एक्स-रे करवाने पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारी उन्हें अलग-अलग कमरों में भेजते रहे। काफी देर भटकाने के बाद उनकी मां का एक्स-रे हुआ, लेकिन रिपोर्ट देने में देरी की जा रही थी। जब युवक ने इस पर आपत्ति जताई तो कर्मचारियों से उसका विवाद हो गया, जिसके बाद कर्मचारियों ने उसे कमरे में बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अस्पताल प्रशासन की सफाई
अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर यतनेश त्रिपाठी ने बताया कि एक्स-रे रूम में मारपीट की घटना हुई थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित की गई है. प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, घटना दोपहर 1:30 बजे के आसपास हुई। एक्स-रे रूम में पहले से ही गंभीर मरीजों के एक्स-रे हो रहे थे, लेकिन युवक ने जल्दी एक्स-रे करवाने का दबाव डाला और कर्मचारियों से अभद्रता करने लगा.
विवाद के दौरान युवक ने वहां मौजूद महिला स्टाफ की वीडियोग्राफी करनी शुरू कर दी, जिससे मामला बढ़ गया. कर्मचारियों ने उसे वीडियो डिलीट करने के लिए कहा, लेकिन जब वह नहीं माना तो उसे जबरन बाहर निकाला गया, इसी दौरान झड़प और हाथापाई हुई.
जांच कमेटी गठित, आगे की कार्रवाई होगी
घटना के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा ने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए एक विभागीय कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
पुलिस की भूमिका और सुरक्षा पर सवाल
जब अस्पताल में झगड़े की नौबत आती है तो क्या पुलिस को सूचना दी जाती है? इस सवाल पर प्रशासन का कहना है कि ज़रूरत पड़ने पर पुलिस को बुलाया जाता है, लेकिन मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण हर विवाद के लिए पुलिस को तैनात करना संभव नहीं है.
आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य
अस्पताल में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच को लेकर सवाल उठ रहे हैं. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी सुरक्षा गार्ड, वार्ड बॉय और अन्य कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य है. पिछले महीने अस्पताल प्रशासन ने आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों का वेरिफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा था, जिसमें लगभग 70% कर्मचारियों का सत्यापन हो चुका है, जबकि बाकी को जल्द ही पूरा किया जाएगा.