Uttar Pradesh: बिजनौर एसपी से न्याय की गुहार, बलात्कार पीड़िता के परिवार पर दबाव, पुलिस पर गंभीर आरोप

बिजनौर : थाना नूरपुर क्षेत्र के एक पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक झा के सामने पेश होकर एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी नाबालिग पुत्री के साथ हुए बलात्कार के मामले में नामजद आरोपी सलमान (पुत्र साबिर, निवासी मोहम्मद नगर) और सोनी (पत्नी खुर्शीद, निवासी नूरपुर) के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था. लेकिन पीड़िता की गवाही के बाद आरोपी सलमान उनके परिवार को धमका रहा है और प्रताड़ित कर रहा है.

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गवाही के बाद परिवार पर बढ़ा दबाव

पीड़ित पिता के अनुसार, उनकी पुत्री ने 5 मार्च 2025 को बिजनौर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ गवाही दी थी. इसके अगले ही दिन 6 मार्च को आरोपी सलमान ने उनके 4 वर्षीय बेटे को अगवा कर लिया और उनकी पुत्री पर दबाव बनाया कि वह सभासद सहाबुद्दीन, अपने माता-पिता और एक पत्रकार के खिलाफ झूठा बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराए। जब पुत्री ने ऐसा करने से मना किया तो आरोपी ने उसे थप्पड़ मारे और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी.

पुलिस पर गंभीर आरोप, पीड़िता के माता-पिता को पीटा

पीड़ित पिता का कहना है कि थाना नूरपुर पुलिस ने उन्हें और उनकी पत्नी को घर से उठाकर मारपीट की और बलात्कार का केस वापस लेने का दबाव डाला, साथ ही, आरोपी सलमान से उनकी बेटी का निकाह कराने के लिए भी दबाव बनाया गया.
बाद में, कस्बे के लोगों के हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने उन्हें छोड़ा। पीड़ित परिवार का आरोप है कि, आरोपी सलमान जमानत पर बाहर है और लगातार धमकियां दे रहा है.

सभासद और पत्रकार को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश?

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सभासद सहाबुद्दीन और पत्रकार को झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश क्यों की गई? क्या पुलिस आरोपी के साथ मिली हुई है? पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि, सलमान ने उसे दबाव डालकर जबरन सभासद और पत्रकार के खिलाफ झूठा आरोप लगाने को कहा, लेकिन पीड़िता ने ऐसा करने से मना कर दिया और सच बयान दिया.

पुलिस की संदिग्ध भूमिका, बिना जांच के दबिश

नूरपुर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।बिना किसी जांच के पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता को थाने में बैठाए रखा. सभासद को भी पुलिस ने दबिश देकर हिरासत में ले लिया. पत्रकार के घर पर पुलिस ने दबिश दी और जबरन घर में घुसकर तलाशी ली। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस आरोपी सलमान से मिली हुई हो सकती है और मामले को गलत दिशा में मोड़ने की कोशिश कर रही है.

अगर पीड़िता झूठा बयान दे देती तो?

अगर आरोपी सलमान के दबाव में आकर पीड़िता सभासद, पत्रकार और अपने माता-पिता के खिलाफ झूठा बयान दे देती, तो उन सभी निर्दोष लोगों की जिंदगी नर्क बन जाती। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी? क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कोई कार्रवाई होगी? पीड़ित परिवार ने एसपी बिजनौर से न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई है.

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