‘भारतीय कुश्ती के ल‍िए षड्यंत्र रचे गए, पर अब न्याय मिला…’, बृजभूषण शरण का WFI से न‍िलंबन हटने पर आया बयान

Brij Bhushan on WFI ban revocation: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर लगाया गया निलंबन हटा दिया है, जिससे खेल में कई महीनों से बनी अनिश्चितता समाप्त हो गई है. इससे विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन का रास्ता भी साफ हो गया है, जिनमें अम्मान में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए चयन ट्रायल भी शामिल है.

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निलंबन हटाने के केंद्र सरकार के फैसले का इस खेल संस्था के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने स्वागत किया है. महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने निलबंन हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री को धन्यवाद दिया.

बृजभूषण ने कहा, ‘26 महीनों तक तमाम षड्यंत्र रचे गए, झूठे आरोप लगाए गए और भारतीय कुश्ती को ठप करने की कोशिशें हुईं, लेकिन साजिश करने वाले अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके. इस विवाद के चलते टीम दो विश्व रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकीं, प्रशिक्षण शिविर बंद हो गए और कुश्ती जगत को भारी नुकसान उठाना पड़ा.’

साथ ही उन्होंने अध्यक्ष संजय सिंह और अन्य पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे खिलाड़ियों के हित में निष्पक्ष निर्णय लें और किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचें. उन्होंने कहा, ‘अब पारदर्शी ट्रायल होने चाहिए और खिलाड़ियों को बराबरी का मौका मिलना चाहिए. सरकार से मिलकर प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन और टूर्नामेंटों को गति देनी चाहिए.’

बृजभूषण ने कहा, ‘चाहे करण भूषण सिंह हों या बृजभूषण शरण सिंह, कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व अहम रहा है. अब मैं महासंघ के कार्यालय से नहीं जुड़ा हूं, लेकिन खेल और खिलाड़ियों के लिए मेरा समर्थन हमेशा रहेगा.’

उन्होंने कहा, ‘होली से पहले यह कुश्ती से जुड़े सभी लोगों के लिए एक उपहार है. खेलों में ऐसी कई स्थितियां बनी हुई थीं, लेकिन अब न्याय हुआ है.’ वाराणसी में महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि निलंबन खत्म होने पर अब कुश्ती सुचारु रूप से चलेगी.

उन्होंने कहा, ‘मैं देश और पहलवानों के हित के लिए काम कर रहा था, इसलिए मुझे पूर्ण विश्वास था कि कुश्ती संघ से निलंबन हटेगा.’

उन्होंने कहा, ‘निलंबन हटने के बाद खिलाड़ियों को शिविर का लाभ मिलने लगेगा. कुश्ती के खिलाड़ियों का ढाई साल से शिविर नहीं लग रहा था. खिलाड़ी शिविर में नई नई तकनीक सीखते हैं. शिविर से कमजोर खिलाड़ियों को लाभ मिलता है, उन्हें वहां सरकार की तरफ से डाइट मिलती है.’

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