टेक्नोलॉजी हमारे भले के लिए है लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से साइबर अपराध जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं. कुछ लोग डीपफेक टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहे हैं, यही वजह है कि भारत में अब एक ऐसा DeepFake Detection System तैयार किया गया है जो एआई जेनरेटेड फोटो, वीडियो और ऑडियो की पहचान करने में सक्षम है.
डिजिटल सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम Vastav को लाया गया है. CID कर्नाटक द्वारा आयोजित CIDECODE हैकाथॉन इवेंट में इस एडवांस टेक्नोलॉजी वाले डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम को सम्मानित किया गया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
कैसे काम करता है Vastav?
Zero Defend Security द्वारा तैयार किया गया है डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम कॉन्फिडेंस स्कोर, हीटमैप और मेटाडेटा इनसाइट्स की मदद से किसी भी डिजिटल कंटेंट की प्रमाणिकता की जांच करता है और जांच करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है.
Vastav डिटेक्शन सिस्टम की खूबियां
डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम Vastav की खूबियों की बात करें तो ये सिस्टम 99% सटीक डीपफेक कंटेंट की पहचान करने में सक्षम है. तेज से कुछ ही सेकेंड्स में गहन विश्लेषण कर सकता है, यही नहीं हीटमैप और कॉन्फिडेंस स्कोर फर्जी कंटेंट को हाइलाइट करता है.
कीमत
जहां तक बात रही इस डिटेक्शन सिस्टम की कीमत के बारे में तो कानून प्रवर्तन संस्थाओं और सरकारी एजेंसियों को इस सिस्टम का फ्री एक्सेस दिया गया है. वहीं, आम जनता और प्राइवेट कंपनियों को इस सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए पेड़ सर्विस लेनी होगी, फिलहाल सब्सक्रिप्शन के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है.
क्या करती है Zero Defend Security?
इस कंपनी का काम रैनसमवेयर सुरक्षा, DDoS मिटिगेशन, क्लाउड सुरक्षा, पेनेट्रेशन टेस्टिंग (VAPT) और थ्रेट इंटेलिजेंस जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं. इसके अलावा ये कंपनी एथिकल हैकिंग, रेड/ब्लू टीमिंग, OSCP, OSINT, वेब और एंड्रॉयड सिक्योरिटी जैसी ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराती है.