रीवा: लोकायुक्त पुलिस ने तहसील के हल्का घुमा में पदस्थ पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. जानकारी के अनुसार, पटवारी को कई हल्कों का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था. शिकायतकर्ता रामनिवास पिता विधाता ने आरोप लगाया कि पटवारी ने उनसे रिश्वत की मांग की थी.
शिकायतकर्ता के अनुसार, पटवारी ने पहले 1,000 रुपये लिए थे और आज दूसरी किश्त के रूप में 3,000 रुपये और लेने की योजना बनाई थी. इसी सूचना के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने की रणनीति बनाई. जैसे ही पटवारी ने कटरा बाईपास स्थित जैसवाल दुकान के पास 3,000 रुपये लिए, लोकायुक्त की 15-सदस्यीय टीम ने उसे धर दबोचा.
लोकायुक्त टीम ने पटवारी को मनगवा तहसील ले जाकर पूछताछ की. इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया, और सरकारी दफ्तरों में भी चर्चा का विषय बन गया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई
लोकायुक्त पुलिस लंबे समय से भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त नजर रख रही है. आम नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में हो रही रिश्वतखोरी से राहत दिलाने के लिए लोकायुक्त की यह कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. लोगों का कहना है कि ऐसे कदमों से सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. इस मामले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी.